Book Title: Jain Parampara aur Yapaniya Sangh Part 02
Author(s): Ratanchand Jain
Publisher: Sarvoday Jain Vidyapith Agra

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Page 895
________________ ई०सन माघ . चैत्र प्रयुक्त ग्रन्थों एवं शोधपत्रिकाओं की सूची / ८४१ शोध-पत्रिकाएँ १. अनेकान्त (मासिक)-सम्पादक : पं० जुगलकिशोर मुख्तार, समन्तभद्राश्रम, करौलबाग, दिल्ली। वर्ष किरण मास वीर नि० सं० वि० सं० १ ३ २४५६ १९८६ १९२९ फाल्गुन " १९८६ १९२९ १ ६-७ वैशाख-ज्येष्ठ १९८७ १९३० १ ८-९-१० आषाढ़-श्रावण-भाद्रपद , . १ ११-१२ आश्विन-कार्तिक अनेकान्त (मासिक) के निम्नलिखित अंकों का सम्पादन-स्थान : वीरसेवा मंदिर, समन्तभद्राश्रम, सरसावा (जिला-सहारनपुर) उ० प्र० । वर्ष किरण मास वीर नि० सं० वि० सं० ई० सन् पौष, जनवरी २४६५ १९९५ १९३८ फाल्गुन, मार्च १९३८ चैत्र, अप्रैल १९९६ १९३९ आषाढ़, जुलाई १९३९ प्रथम श्रावण, अगस्त , १९३९ फरवरी १९९८ १९४१ ५ १०-११ कार्तिक-मार्गशीर्ष, नवम्बर-दिसम्बर २४६९ १९४२ ५ १२ पौष, जनवरी १९४३ ६ १०-११ मई-जून २००१ १९४४ श्रावण शुक्ल, जुलाई २४७० २००१ १९४४ भाद्र०-आश्विन, अगस्त-सितम्बर ७ ३-४ कार्तिक-मार्गशीर्ष अक्टूबर-नवम्बर २४७१ २००१ १९४४ m sw v १९९९ १२ ww99 १९४४ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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