Book Title: Jain Meghdutam ka Samikshatmaka Adhyayan
Author(s): Sima Dwivedi
Publisher: Ilahabad University

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Page 13
________________ करके ले जाते है और उन गायो को गुफा में छिपा देते है, तब इन्द्र उन गायो की खोज के लिए सरमा नामक कुतिया को पणि केपास भेजते हैं। सरमा नदी को पार करके बलपुर पहुँचती है और वहाँ गुप्त स्थान में छिपाई हुई गायो को खोज निकालती है। इस अवसर पर पणि लोग सरमा को अपने पक्ष मे करना चाहते हैं। इस सम्वाद से ज्ञात होता है कि भारतीय साहित्य में पशुओ को दूत रूप मे भेजने की परम्परा अत्यन्त प्राचीन है। एक अन्य स्थल पर ऋग्वेद मे दूसरी कथा उपलब्ध होती है जिसमे राजा रथवीति की पुत्री के प्रति श्यावाश्व ऋषि अपना प्रणय सन्देश रात्रि के माध्यम से भेजते है इसका उल्लेख आचार्य शौनक द्वारा प्रणीत बृहद्देवता मे भी मिलता है। ऋग्वेद में अन्य स्थल पर यम-यमी सम्वाद का उल्लेख मिलता है।" वाल्मीकि रामायण में भी दूत सम्प्रेषण सम्बन्धी प्रसंग दृष्टिगोचर होता है। हनुमान जी को कार्य पटु एवं पराक्रमी समझकर श्री रामचन्द्र जी स्वनामाङ्कित अंगूठी सीता के अभिज्ञानार्थ देते हैं और उन्हे दूत रूप में भेजते है। सीता जी द्वारा कुछ सन्देह प्रकट करने पर हनुमान श्री रामचन्द्र के गुण पराक्रम का वर्णन कर फिर सीता जी से कहते हैं: तेनाहं प्रेषितो दूतस्त्वत्सकाशमिहागतः त्वद्वियोगेन दुःखार्तः स त्वां कौशलमब्रवीत् ।।' तदन्तर हनुमान जी सीता जी को फिर विश्वास दिलाते है और रामचन्द्र जी की अंगूठी दिखाते हैं - ०/७/१०७ " ५/६१/१७,१८,१९ ब्रहदेवता ५/७४-७५ बाल्मीकि रामायण सुन्दरकाण्ड ३४/३५

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