Book Title: Jain Kathao ka Sanskrutik Adhyayan Author(s): Publisher: ZZZ Unknown View full book textPage 2
________________ आत्मा ही अपने दुःखों और सुखों का कर्ता तथा भोक्ता है अच्छे मार्ग पर चलनेवाला आत्मा अपना मित्र है और बुरे मार्ग पर चलनेवाला आत्मा शत्रु है । -चीर वाणी हनुमानमल बेंगानी १२, इण्डिया एक्सचेंज प्लेस कलकत्ता-१Page Navigation
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