Book Title: Jain Katha Sahitya ki Vikas Yatra
Author(s): Devendramuni
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay

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Page 441
________________ सन्दर्भ-ग्रंथानुक्रमणिका १. अंगपण्णत्ती २. अंगुत्तरनिकाय की अट्ठकथा ३. अथर्ववेद ४. अर्धमागधी कोष भाग २ ५. अनगार धर्मामृत ६. अनुयोगद्वार टीका, हारिभद्रीय वृत्ति ७. अपभ्रंश भाषा का पारिभाषिक कोश ( डी० लिट्० का शोधप्रबन्ध ) ८. अपभ्रंश भाषा और साहित्य ६. अपभ्रंश भाषा और साहित्य की शोध प्रवृत्तियाँ १०. अभिधान चिन्तामणि ११. अभिधान राजेन्द्र कोश १२. अभिज्ञान शाकुन्तल १३. अमरकोश १४. अवदान १५ आख्यानक मणिकोश १६. आगम और त्रिपिटक : एक अनुशीलन १७. आगम युग का जैन दर्शन १८. आग्नेयपुराण १६. आचारांग - शीलांकाचार्य टीका २०. आचारांग २१. आचार्य बुद्धघोष और उनकी अट्ठकथाएँ ( ४२५ ) Jain Education International - पं० आशाधर - डॉ० आदित्य प्रचण्डिया - डॉ० देवेन्द्र कुमार जैन शास्त्री -आचार्य शुभचन्द्र —डॉ० देवेन्द्र कुमार - बाबू धनपतिसिंह - शिवचरणलाल जैन For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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