Book Title: Jain Kala Ka Avdan
Author(s): Marutinandan Prasad Tiwari
Publisher: Z_Jain_Vidya_evam_Prakrit_014026_HR.pdf

View full book text
Previous | Next

Page 20
________________ जैन कला का अवदान ४. उन्निथन, एन० जी०, रैलिक्स ऑव जैनिज्म-आलतूर', जर्नल इण्डियन हिस्ट्री, खं० ४४, भाग १, अप्रैल १९६६, पृ० ५४२ । ५. द्रष्टव्य, मार्शल, जान, मोहनजोदड़ो ऐण्ड दि इण्डस सिविलिजेशन, खं० १, लन्दन, १९३१, फलक १२, चित्र १३, १४, १८, १९, २२, पृ० ४५, फलक १० ।। चंदा, आर० पी०, 'सिन्ध फाइव थाऊजण्ड इयर्स एगो', मार्डन रिव्यू, सं० ५२, अं० २, अगस्त १९३२, पृ० १५१-१६०; रामचन्द्रन, टी० एन०, 'हरप्पा ऐण्ड जैनिज्म' (हिन्दी अनु०), अनेकान्त, वर्ष १४, जनवरी १९५७, पृ० १५७-६१, शाह, यू० पी०, स्टडीज इन जैन आर्ट, वाराणसी, १९५६, पृ० ३-४ । ७. शाह, यू० पी०, 'विगिनिग्स ऑव जैन आइकानोग्राफी', संग्रहालय पुरातत्त्व पत्रिका, अं० ९, जून १९७२, पृ० २ । शाह, यू० पी०, 'ए यूनीक जैन इमेज ऑव जीवन्त स्वामी', जर्नल ओरियण्टल इन्स्टीट्यूट, खं० १, अं० १, सितम्बर १९५१, पृ० ७२-७९; शाह, ‘साइड लाइट्स आन दि लाईफटाइम सेण्डल वुड इमेज ऑव महावीर' जर्नल ओरियण्टल इन्स्टीट्यूट, खं० १, अं० ४, जून १९५२, पृ० ३५८-६८; शाह, 'श्री जीवन्तस्वामी' (गुजराती), जैन सत्यप्रकाश, वर्ष० १७, अं० ५-६, पृ० ९८-१०९, शाह, अकोटा ब्रोन्जेज, बम्बई, १९५९, पृ० २६-२८। शाह, यू० पी० 'श्री जीवन्तस्वामी', जैन सत्यप्रकाश, वर्ष १७, अं० ५-६, पृ० १०४, शाह, 'ए यूनीक जैन इमेज ऑव जीवंत स्वामी', जर्नल ओरियण्टल इन्स्टीट्यूट, खं० १, अं० १, प० ७९ । १०. शाह, यू० पी०, 'ए युनीक जैन इमेज ऑव जीवंत स्वामी', पूर्व निदिष्ट, पृ० ७२-७९ । ११. शाह, यू० पी०, अकोटा ब्रोन्जेज, पृ० २६-२८, फलक ९ ए, बी, १२ ए । १२. जैन, हीरालाल, भारतीय संस्कृति में जैन धर्म का योगदान, भोपाल, १९६२, पृ० ७२ । १३. द्रष्टव्य, जैन, जे० सी०, लाईफ इन ऐन्शण्ट इण्डिया ऐज डेपिक्टेड इन दि जैन केनन्स, बम्बई, १९४७, पृ० २५२, ३००, ३२५ । १४. द्रष्टव्य, शाह, यू० पी०, 'श्री जीवंत स्वामी'; जैन सत्यप्रकाश, वर्ष १७, अं० ५-६, पृ० ९८ । १५. वसुदेवहिण्डी, खं० १, भाग १, पृ० ६१ ।। १६. त्रिपष्टिशलाकापुरुषचरित्र १०.११.३७९-८० । १७. द्रष्टव्य, जायसवाल, के० पी०, 'जैन इमेज ऑव मौर्य पिरियड', जनल बिहार उड़ीसा रिसर्च सोसाइटी, खं० २३, भाग १, १९३७, पृ० १३०-३२, बनर्जी-शास्त्री, ए०, 'मौर्यन स्कल्पचर्स फ्राम लोहानीपुर, पटना', जर्नल बिहार' उड़ीसा रिसर्च सोसाइटी, खं० २६, भाग २, जून १९४० पृ० १२०-२४ । १८. जायसवाल, के० पी०, पूर्व निदिष्ट, पृ० १३१ । परिसंवाद-४ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 18 19 20 21 22 23 24