Book Title: Jain Kala Ka Avdan
Author(s): Marutinandan Prasad Tiwari
Publisher: Z_Jain_Vidya_evam_Prakrit_014026_HR.pdf

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Page 24
________________ जैन कला का अवदान 48. विस्तार के लिए द्रष्टव्य, जैन, सागरमल तथा तिवारी, मारुतिनन्दन प्रसाद, जैन साहित्य और शिल्प में बाहुबलि, वाराणसी, 1981 / 49. द्रष्टव्य, शाह, यू० पी०, 'आइकानोग्राफी ऑव दि सिक्सटीन जैन महाविद्याज', जर्नल इण्डियन सोसाइटी ऑव ओरियण्टल आर्ट, खं० 15, 1947, पृ० 114-77; तिवारी, मारुतिनन्दन प्रसाद, 'दि आइकानोग्राफी ऑव दि सिक्सटीन जैन महाविद्याज ऐज रिप्रेजेण्टेड इन दि सीलिंग ऑव दि शांतिनाथ टेम्पल, कुंभारिया', संबोधि, खं० 2, अं० 3, अक्तूबर 1973, पृ० 15-22, 'दि आइकानोग्राफी ऑव दि सिक्सटीन जैन महाविद्याज ऐज इनन्शियेटेड इन दि आइकानोग्राफिक टेक्स्ट्स ', संबोधि, खं 5, अं० 2-3, जुलाईअक्तूबर 1976, पृ० 69-73 / कला इतिहास विभाग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी, उत्तर प्रदेश / परिसंवार-४ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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