Book Title: Jain Image Inscriptions of Ahmedabad
Author(s): Pravinchandra C Parikh, Bharati K Shelat
Publisher: B J Institute

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Page 388
________________ Appendix 379 धर्मशेख(ष)रसूरि 61, 209, 277. 281, 500 धर्मसागरसूरि 603. 673, 726 धर्मसिंहसूरि 145 धर्मसुंदरसूरि 209 नत्राचार्य 541,677 निर्गन्धाचार्य 214 नेमिचंद्रसूरि 47, 210 पद्मचंद्रसूरि 13 पद्मणसूरि 359 पद्मतिलकसूरि 824 पद्याशेष(ख)रसूरि 780 पद्मानंदसूरि 104, 256, 429, 582,715 पासचंद्रसूरि 49,60, 129, 207, 396 पिप्पलाचार्य 39,62 पूज्यसूरि(भट्टारक) 107 पुण्यचंद्रसूरि 370, 412, 618 पुण्यप्रभसूरि 747 पुण्यरत्रसूरि 529, 554, 679 प्रज्ञातिलकसूरि 63 बुद्धिसागरसूरि 37,48, 353, 631,691, 797 भावदेवसूरि 411. 423,459,460, 560, 714716, 770, 796, 802804, 809,819, 822 भावदेवाचार्य 3 मलयचंद्रसूरि 21, 50, 654,665 महोतिलकसूरि 363. 389 महीश्वरसूरि 612 महेन्द्रसूरि 1, 19,73, 100, 873 महेश्वरसूरि 400, 551, 613, 619, 687 महेसरसूरि 219,649 मुनिचंद्रसूरि 54. 55, 239, 364, 491. 728,748.751,754,813,816, 866, 872 मुनितिलकसूरि 169 मुनिप्रभसूरि 53 मुनिरनसूरि 2, 8, 752, 764, 779 मुनिवर्धनसूरि 659 मुनिशेखरसूरि 43 मुनिसिंहसूरि 98, 123, 148, 174, 212 मुनिसुंदरसूरि 188190, 201, 203, 205, 362, 365, 382.372 मुनीश्वरसूरि 149 मेरुतुंगसूरि 71 यशोदेवसूरि 7, 38, 163 रत्रकीतिसूरि 67 रत्नदेवसूरि 312, 446, 513, 524, 655, 667 रत्नप्रभसूरि 57, 65 रत्नमंडनसूरि 470, 493 रत्रशेखरसूरि 216, 254, 262 264, 267, 269,286,297,298,300, 301, 321,325,341,347,352,357, 358,361,362, 365,367,368, 372, 375, 379382, 387,405, 409,418,419,443,454,540 रत्नसागरसूरि 66, 69, 154 रत्नसिंहसूरि 122, 150, 186, 215, 231, -268,280,310,311,332,394, 397,417,422, 424,555 रत्नाकरसूरि 150 राजकीति 841 राजतिलकसूरि 478, 492, 569, 629, 639 राजविजयसूरि 885 राजशेखरसूरि 23 राजिल्लसूरि 90 रामचंद्रसूरि 168 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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