Book Title: Jain Hiteshi 1916 Ank 07 08
Author(s): Nathuram Premi
Publisher: Jain Granthratna Karyalay

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Page 106
________________ सूरज भानु वकील, देवबन्द, चुन्नीलाल एम. कापड़िया एम. ए., जुगलकिशोर मुख्तार , एलएल. बी. बी. एससी. ज्योतीप्रसाद जैन , | मोहनलाल दलीचन्द देसाई बी. ए., (सम्पादक, जैनप्रदीप) एल एल. बी. ( एडीटर जैनश्वेताम्बर कान्फरेंस हेरल्ड ) ठाकोरदास भगवानदास जवेरी, बम्बई. डाक्टर नानचन्द के. मोदी एल. शाह चुनीलाल हेमचंद एम., एण्ड एस. चेतनदास जैन बी. ए. मूलचन्द हीरजी ( सैक्रेटरी, मांगरोल (आ० सै० भारतजैनमहामण्डल) जैन सभा, बम्बई ) दयाचन्द्र गोयलीए बी. ए. मणीलाल मोहकमचन्द शाह ( सेक्रेटरी, वालंटियर कमेटी __(सम्पादक जातिप्रबोधक ) दशवी जैन श्वे० कान्फरेंस ) नाथूराम प्रेमी ( सम्पादक जैनहितैषी ) जीवनचन्द साकरचन्द जवेरी गाँधी सूरचन्द शिवराम | ( सैक्रेटरी, देवचन्द लालभाई जैनपुस्तकोद्धार फण्ड ) बाडीलाल मोतीलाल शाह ( एडीटर, जैनहितेच्छु ) सूचना-इस महत्वके विषयमें यदि कोई सज्जन अनुभवयुक्त सम्मति देनेकी कृपा करेंगे तो वह दोन सम्प्रदायके उन सज्जनोंके पास जो इस आन्दोलनको पसन्द करते हे तत्काल ही पहुँचा दी जायगी और उसका उचित उपयोग किया जायगा / यदि किसी शहरमें सभा आदिके रूपमें आन्दोलन होगा और उसके रिपोर्ट हमारे पास कोई सज्जन भेजेंगे तो वह किसी भी पक्षके हकमें जरा भी हानि न पहुँचे इस प्रकारकी सावधानी रखकर सुधार दी जायगी और समाचारपत्रोंमें प्रकाशित करनेके लिए भेज दी जायगी। यदि कोई महाशय शुभेच्छुकके रूपमें सलाह या समाचारको गुप्त रखनेके लिए लिखेंगे, तो उनकी आज्ञाकी अक्षरशः पालना की जायगी। १इस आन्दोलनको पसन्द करनेवाले समस्त दिगम्बर-वेताम्बर भाईयोंको अपनी सहानुभूति नीचे पतेपर शीघ्रही भेजनेकी कृपा करनी चाहिए / 2 उक्त प्रार्थनापत्रमें पंच नियत करनेकी जो सूचना है उसका अर्थ यह है कि 1 पंचोंका चुनाव दोनों पक्षवालोंके द्वारा ही हो सकेगा, 2 पंच एक या अधिक चुने जा सकेंगे, 3 पंच अजैन ही बनाये जायँगे; परन्तु अजैन प्रमुखकी सहायताके लिए दोनों सम्प्रदायोंके कुछ विचारशील अगुओंकी कमेटी बनानेकी यदि; पक्षकारोंकी इच्छा होगी तो ऐसा भी वे कर सकेंगे / गरज यह कि प्रार्थना पत्र तो केवल मार्गसूचन करता है पर काम किस तरह किया जाय इसका निर्णय पक्षकारोंके ही हाथसे होगा और वे इस विषयमें अपने अपने सम्प्रदायके अगुओंकी सलाहसे सकेंगे। -निवेदक, वाडीलाल मोतीलाल शाह, 253 नागदेवी, बम्बई. ____ [ तारका पता-Brass-Bombay; टेलीफोन नं० 2556 ) प्रकाशक-नाथूराम प्रेमी, जैन ग्रंथरत्नाकर कार्यालय, हीराबाग-बम्बई: मुद्रक-चिं. स. देवळे, मुंबईवैभव प्रेस, सँढर्ट रोड, गिरगांव, मुंबई. Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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