Book Title: Jain Hiteshi 1914 Ank 09
Author(s): Nathuram Premi
Publisher: Jain Granthratna Karyalay

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Page 71
________________ हाल ही छपी हुई नई पुस्तकें । पिता के उपदेश-एक आदर्श पिताने अपने होनहार विद्यार्थी पुत्रको जो चिट्ठियाँ लिखी थीं उनका इसमें संग्रह है। प्रत्येक चिट्ठी उत्तमसे उत्तम उपदेशोंसे भरी हुई है। जो पिता अपने पुत्रोंको सदाचारी, परिश्रमी, मितव्ययी, विनयवान् और विद्वान् बनाना चाहते हैं उन्हें यह छोटीसी पुस्तक अवश्य मंगाना चाहिए। मूल्य सिर्फ डेड़ आना । अच्छी आदतें डालनेकी शिक्षा-यह भी विद्यार्थियोंके लिए लिखी गई है। बहुत ही अच्छी है। मूल्य ) सिक्खोंका परिवर्तन--पंजाबका सिक्खधर्म एक सीधा साधा पारलौकिक धर्म होकर भी धीरे धीरे राजनीतिक योद्धाओंका धर्म कैसे बन गया इस ग्रन्थमें इसी बातका ऐतिहासिकदृष्टिसे विस्तारपूर्वक विवेचन • किया गया है। डाक्टर गोकुलचन्द एम. ए., पी. एच. डी., बैरिस्टरएट लाके अँगरेजी ग्रन्थ The Transformation of Sikhism का अनुवाद है। मूल्य १॥) स्वामी रामदासका जीवनचरित महाराष्ट्र केसरी शिवाजी महाराजके धर्मगुरु रामदासस्वामीका पढ़ने योग्य जीवनचरित । मूल्य । ) फिजीद्वीप में मेरे २१ वर्ष पं० तोतारामजी नामके एक सज्जन कुली बनाकर फिजीद्वीपमें भेज दिये गये थे । वहाँ वे २१ वर्ष तक रहे । उससमय उन्हें और दूसरे भारतवासियोंको जो असह्य दुःख दिये गये थे उनका इस पुस्तकमें रोमांचकारी वर्णन है । मूल्य =) स्वामी रामतीर्थ के उपदेश—पहला भाग । मूल्य । ) पद्यपुष्पांजलि-हिन्दीके प्रसिद्ध कवि पण्डित लोचनप्रसाद शर्माकी लगभग ४० कविताओंका संग्रह । कवितायें खड़ी बोलीकी हैं । देशभक्ति, जातिप्रेम, आदिके भावोंसे भरी हुई हैं। मूल्य सिर्फ छह आना । जर्मनीके विधाता-अर्थात केसरके साथी-जिन लोगों के प्रयत्न और उद्योगसे जर्मनीने वर्तमान शक्ति प्राप्त की है उन २४ पुरुषोंका संक्षिप्त चरित इस पुस्तकमें संगृहीत है। वर्तमान युद्धकी गति समझने के लिए यह पुस्तक अवश्य पढना चाहिए। मूल्य ।) मैनेजर, हिन्दीग्रन्थरत्नाकर कार्यालय, हीराबाग, पो० गिरगाँव बम्बई For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org Jain Education International

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