________________
( ४ ) - राष्ट्रीय ग्रन्थः
१ सरल-गीता। इस पुस्तकको पढ़कर अपना और अपने देशका कल्याण कीजिये । यह श्रीमद्भगवद्गीताका सरल-हिन्दी अनुवाद है। इसमें महाभारतका संक्षिप्त वृत्तान्त, मूल श्लोक, अनुवाद और उपसंहार ये चार मुख्य भाग हैं। सरस्वतीके सुविद्वान् संपादक लिखते हैं कि यह पुस्तक दिव्य है । मूल्य
जयन्त । शेक्सपियरका इंग्लैंडमें इतना सम्मान है कि वहांके साहित्यप्रेमी अपना सर्वस्व उसके ग्रन्थोंपर न्योछावर करने के लिए तैयार होते हैं । उसी शेक्सपियरके सर्वोत्तम ' हैम्लैट ' नाटकका यह बड़ा ही सुन्दर अनुवाद है। मूल्य ॥]; सादी जिल्द ॥
३ धर्मवीर गान्धी। इस पुस्तकको पढ़कर एक बार महात्मा गान्धाके दर्शन कीजिये, उनके जीवनकी दिव्यताका अनुभव कीजिये और द० अफ्रिकाका मानचित्र देखते हुए अपने भाइयोंके पराक्रम जानिये। यह अपूर्व पुस्तक है । मूल्य ।
४ महाराष्ट रहस्य । महाराष्ट्र जातिने कैसे सारे भारतपर हिन्दू साम्राज्य स्थापित कर संसारको कंपा दिया इसका न्याय और वेद न्तसंगत ऐतिहासिक विवेचन इस पुस्तकमें है । परन्तु भाषा कुछ कठिन है । मूल्य - ॥
५ सामान्य-नीतिकाव्य । सामाजिक रीतिनीतिपर यह एक अनठा काव्य ग्रन्थ है। सब सामयिक पत्रोंने इसकी प्रशंसा की है । मूल्य
इन पुस्तकोंके अतिरिक्त हम हिन्दीकी चुनी हुई उत्तम पुस्तकें भी अपने यहाँ विक्रयार्थ रखते हैं।
नवनीत-मासिक पत्र । राष्ट्रीय विचार । वा० मूल्य २।
वह अपने ढंगका निराला मासिक पत्र है । हिन्दी देश, जाति और धर्म इस पत्रके उपास्य देव हैं। अत्मिक उन्नति इसका ध्येय है। इतना परिचय पर्याप्त न हो तो । के टिकट भेजकर एक नमूनेकी कापी मंगा लीजिये। ग्रन्थप्रकाशक समिति, नवनीत पुस्तकालय.
पत्थरगली, काशा
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org