Book Title: Jain Hiteshi 1913 Ank 06 07
Author(s): Nathuram Premi
Publisher: Jain Granthratna Karyalay

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Page 138
________________ अनुभवानन्द–ब्रह्मचारी शीतलप्रसादजी रचित अध्यात्मका मनन करने योग्य ग्रन्थ है। मूल्य आठ आने। विद्वद्रत्नमाला--जिनसेन, गुणभद्राचार्य आशाधर, अमितगतिसूरि, वादिराज सूरि, महाकवि मल्लिषेण, और समन्तभद्राचार्य इतने विद्वानोंका बड़ी खोजसे लिखा हुवा इतिहास । मूल्य दश आने । जिनेन्द्रमत दर्पण प्रथम भाग-ब्रह्मचारी शीतलप्रसादजी रचित । मूल्य एक आना। जैन जगदुत्पत्ति--सृष्टि कर्ता खण्डन विषयक एक लेख । मूल्य ॥ ... क्या ईश्वर जगत्कर्ता है--अनेक युक्तियोंद्वारा जगत्का कोई कर्ता नहीं । है यह बतलाया है । मूल्य ॥ उपमिति भवप्रपंचा कथा द्वितीय प्रस्ताव--चारोंगतियोंके दुःखोंका वर्णन है। मूल्य पांच आने । प्रद्युम्न चरित्र प्रद्युम्नका कथा का संक्षेपमें वर्णन । मूल्य छह आने । यशोधर चरित काव्य-एकीभाव स्तोत्रके कर्ता वादिराज सूरिने यशोधर महाराजका सुन्दर चरित वर्णन किया है । ग्रन्थ मूल संस्कृतमें है । मूल्य आठ आने। यशोधर चरित-उपर्युक्त ग्रन्थका हिन्दी अनुवाद । मूल्य चार आने नागकुमार चरित-सरल हिन्दीमें नागकुमारका चरित है । मूल्य छह आने। पवनदूत-मूल संस्कृत और हिन्दी अनुवाद सहित । मूल्य चार आने । धर्मप्रश्नोत्तर-सकलकीर्ति आचार्य कृत मूल ग्रन्थकी यह हिन्दी भाषाटीका है । इसमें प्रश्नोत्तर रूपसे श्रावकाचारका वर्णन किया गया है। मूल्य दो रु० । __ यात्रा दर्पण-यह अभी हालहीमें छपा है। तीर्थक्षेत्रोंके सिवा और भी प्रसिद्ध प्रसिद्ध स्थानोंका वर्णन है । एक तीर्थस्थानोंका नकशा भी अलग दिया गया है जिससे यात्रियोंको बड़ा सुभीता हो गया है । मूल्य दो रु० । हनुमान चरित्र हनुमानजीका संक्षिप्त चरित सरल भाषामें लिखा गया है । मूल्य छह आने। Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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