Book Title: Jain Gyan Mimansa aur Samakalin Vichar
Author(s): Alpana Agrawal
Publisher: Ilahabad University

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Page 178
________________ ਸੁਮੀ ਸ਼ਹੀ न्यायविनिश्चियविवरण, वादिराजसूरि, भाग एक, सं0 40 महेन्द्रकुमार जैन, भारतीय ज्ञानपीठ, काशी, 1949. समयसार, कुंदकुंद, रंग के. ए. चक्रवती, भारतीय ज्ञानपीठ, काशी. सवार्थसिद्धि, पूज्यपाद, सं. पं. फूलचन्द्र सिद्धान्तालंकार, भारतीय ज्ञानपीठ काशी, 1955. तत्वार्थसूत्र, उमास्वाति, विवेचनकत्ता 40 सखलाल जी संध्वी, भारत जैन महामंडल, वधा, 1932. नयचक माइल्लधावल, सं0 40 कैलाशयन्द्र शास्त्री, भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन. 6. तत्वार्थवार्तिक, दो भाग, अकलंक, सं00 महेन्द्रकुमार जैन, भारतीय ज्ञानपीठ काशी, 1953. जैन न्यायखंडखाध, यशो विजय, 'सिंधी जैन गंधमाला, 1953. प्रमाणनयतत्वलो कालंकार, वा दिदेवसूरि, अंग्रेजी अनुवाद, कालिदास भट्टाचार्य, चौखम्बा विद्याभवन, वाराणसी । न्यायावतारवा तिक, सिद्धसेन, सिंधी जैन ग्रंथमाला, भारतीय विद्याभवन, बंबई, 1949. परीक्षामुख, माणिक्यनन्दि, सेन्ट्रल जैन पब्लिशिंग हाउस, लखनऊ, 1940. 10. सवार्थसिद्धि पूज्यपाठ सं0 40 महेन्द्रकुमार, भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन, 1955. कषायपादुड़, जयध्वलाटीका सहित, श्री गुणघट आचार्य, टीका श्री वीरसेन, सं0 40 फूलचन्द्र, महेन्द्रकुमार, पं0 कैलाशचन्द्र, मंगी प्रकाशन विभाग, भा0 दि0 जैन संघ चौरासी, मथुरा, 1944.

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