Book Title: Jain Diwali Sampurna Puja Author(s): ZZZ Unknown Publisher: ZZZ Unknown View full book textPage 9
________________ णमोकार मंत्र मंत्र जपो नवकार मनवा मंत्र जपो नवकार मंत्र जपो नवकार मनवा, मंत्र जपो नवकार पाँच पदों के पैंतीस अक्षर, हैं सुख के आधार हैं सुख के आधार मनवा, हैं सुख के आधार मंत्र जपो नवकार मनवा, मंत्र जपो नवकार णमो अरिहंताणं, णमो सिद्धाणं णमो आयरियाणं, णमो अव्वझायाणम्, णमो लोए सव्वेसाहूणं... नवकार मंत्र ही महामंत्र नवकार मंत्र ही महामंत्र, निज पद का ज्ञान कराता है। निज जपो शुद्ध मन बच तन से, मनवांछित फल का दाता है। 1॥ नवकार... पहला पद श्री अरिहंताणां, यह आतम ज्योति जगाता है। यह समोसरण की रचना की भव्यों को याद दिलाता है॥2॥ नवकार... दूजा पद श्री सिद्धाणं है, यह आतम शक्ति बढ़ाता है। इससे मन होता है निर्मल, अनुभव का ज्ञान कराता है।।3॥ नवकार.... तीजा पद श्री आयरियाणां, दीक्षा में भाव जगाता है। दुःख से छुटकारा शीघ्र मिले, जिनमत का ज्ञान बढ़ाता है॥4॥ नवकार... चौथा पद श्री उवज्ज्ञायणं, यह जैन धर्म चमकता है। कर्मास्त्रव को ढीला करता, यह सम्यक् ज्ञान कराता है।।5। नवकार... पंचमपद श्री सव्वसाहणं, यह जैन तत्व सिखलाता है। दिलवाता है ऊंचा पद, संकट से शीघ्र बचाता है।6।। नवकार... तुम जपो भविक जन महामंत्र, अनुपम वैराग्य बढ़ाता है। नित श्रद्धामन से जपने से, मन को अतिशांत बनाता है।।7॥ नवकार... संपूर्ण रोग को शीघ्र हरे, जो मंत्र रुचि से ध्याता है। जो भव्य सीख नित ग्रहण करे, वो जामन मरण मिटाता है।।8॥ नवकार...Page Navigation
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