Book Title: Jain Dharmni Vaigyanik Aadharshila
Author(s): Kanti V Maradia
Publisher: L D Institute of Indology

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Page 165
________________ ૧૪૮ જૈન ધર્મની વૈજ્ઞાનિક આધારશિલા संदर्भ ग्रंथ सूची अ. प्राकृत, संस्कृत या हिन्दी ग्रंथ और उनके अनुवाद १. आचारांगसूत्र; प्राकृत-मूल और मधुकर मुनि का हिन्दी अनुवाद; आगम प्रकाशन समिति, व्यावर, १९८०. २. आचारांगसूत्र (अंग्रेजी अनुवादक : एच. जैकोबी) : जैन सूत्राज भाग-१. डोवर पब्लिकेशन, न्यूयार्क से पुनः प्रकाशित, १९६८ पृ. १-२१३. ३. आवश्यकसूत्र; जैन आगम सीरीज, खंड १५, श्री महावीर जैन विद्यालय, बंबई, १९७७. ४. उत्तराध्ययनसूत्र; प्राकृत ग्रंथ; अनु. के.सी.ललवानी, प्रज्ञानं, कलकत्ता, १९७७. अनुवाद : एच. जैकोबी, जैन सूत्राज भाग-२ डोवर पब्लिकेशन, न्यूयार्क से पुनः प्रकाशित, १९६८ पृ. १-२३२. ५. देशवैकालिकसूत्र (अंग्रेजी); अनुवादक के. सी. ललवानी, मोतीलाल बनारसीदास, दिल्ली, १९७३. ६. कल्पसूत्र (अंग्रेजी); अनु. एच. जैकोबी; जैन सूत्राज, खंड ३, डोवर पब्लिकेशन्स, न्यूयोर्क से पुन प्रकाशित, १९६८. ७. कर्मग्रंथ, भाग १-६; देवेन्द्रसूरि, हिन्दी अनु. एस.एल.सिंघवी, वर्धमान स्थानकवासी जैनधर्म शिक्षा समिति, बडौत (मेरठ), १९८४. ८. तत्त्वार्थसूत्र : उमास्वाति (मि) कृत, पं. सुखलालजी की टीका के साथ मूल संस्कृत ग्रंथ, अंग्रेजी अनुवादक के.के.दीक्षित, एल. डी. इंस्टीस्यूट ऑफ इंडोलोजी, अहमदावाद, १९७४. ९. तत्त्वार्थसूत्र : अंग्रेजी अनुवादक : 'दैट व्हिच इज' नथमल टाटिया, पी.एस.जैनी आदि, हार्पर कोलिन्स, लंदन, १९९४. (सेक्रेड लिटरेटक सीरीज) १०. महापुराण, भाग १-३; पुष्पदंत, अपभ्रंश ग्रंथ (सं.) पी. एल. वैद्य; माणिकचंद्र दि. जैन ग्रंथमाला, बंबई, १९३७-४७.

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