Book Title: Jain Dharma ka Maulik Itihas Part 3 Author(s): Hastimal Maharaj Publisher: Jain Itihas Samiti JaipurPage 12
________________ ६३९ ६४० ६४१ ६४२ ६४८ ६५१ ६५२ ६५५ राष्ट्रकूट राजा कृष्ण (प्रथम) सम्राट् ललितादित्य-मुक्तापीड़ श्रमण भ. महावीर के ४१वें पट्टधर आ. श्री देवसेन स्वामी श्रमण भ. महावीर के ४२वें पट्टधर आ. श्री शंकरसेन ३४वें युग प्र. आ. श्री माढर संभूति आचार्य वीरभद्र उद्योतन सूरि (दाक्षिण्य चिह्न) आचार्य जिनसेन (पुन्नाट संघ) कृष्णर्षि गच्छ भट्टारक परम्परा के महान् ग्रन्थकार आचार्य वीरसेन आचार्य वीरसेन की दूसरी कृति वत्सराज : गुर्जर-मालवराज आमराजा-नागभट्ट द्वितीय श्रमण भ.महावीर के ४३वें पट्टधर आ. श्री लक्ष्मीवल्लभ श्रमण भ. महावीर के ४४वें पट्टधर आ. श्री रामऋषि स्वामी भ. महावीर के ४३वें और ४४वें पट्टधरों के समकालीन ३५वें युग प्रधान आचार्य धर्म ऋषि भट्टारक जिनसेन (पंच स्तूपान्वयी) (दिगम्बर परम्परा) जिनसेन की तीसरी महान् कृति आदि पुराण शाकटायन-पाल्यकीर्ति पाल्यकीर्ति-शाकटायन का समय ६५७ ६५९ ६६३ ६६४ ... . ६६५ ... ६६८ ६७० ६७२ (viii) For Private & Personal Use Only Jain Education International www.jainelibrary.orgPage Navigation
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