Book Title: Jain Dharma ka Maulik Itihas Part 1
Author(s): Hastimal Maharaj
Publisher: Jain Itihas Samiti Jaipur

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Page 8
________________ ४५ ४५ ६० W wr प्रवज्या का संकल्प और वर्षीदान अभिनिष्क्रमण-श्रमणदीक्षा विद्याधरों की उत्पति विहार चर्या भगवान् का प्रथम पारणा केवलज्ञान की प्राप्ति तीर्थंकरों की विशेषता तीर्थकरों के चौंतीस अतिशय श्वेताम्बर व दिगम्बर परम्पराओं का तुलनात्मक विवेचन तीर्थंकर की वाणी के ३५ गुण भरत का विवेक आदिप्रभु का समवसरण भगवद् दर्शन से मरुदेवी की मुक्ति देशना और तीर्थ-स्थापना प्रथम चक्रवर्ती भरत : संवर्द्धन और शिक्षा भरत चक्रवर्ती: भरत की अनासक्ति भरत का स्वरूप-दर्शन परिव्राजक मत का प्रारम्भ ब्राह्मी और सुन्दरी पुत्रों को प्रतिवोध अहिंसात्मक युद्ध भरत-बाहुबली युद्ध पर शास्त्रीय दृष्टि बाहुवली का घोर तप और केवलज्ञान भरत द्वारा ब्राह्मण वर्ण की स्थापना भगवान् ऋषभदेव का धर्मपरिवार भ. ऋषभदेव के कल्याणक .... प्रभु ऋषभदेव का प्रप्रतिहत विहार पाश्चर्य, निर्वाण महोत्सव जनेतर साहित्य में ऋषभदेव भगवान् ऋषभदेव और भरत का जैनेतर पुराणादि में उल्लेख भगवान ऋषभदेव और ब्रह्मा सार्वभौम आदि नायक के रूप में लोकव्यापी कीति ११२ ११४ ११७ १२० १२१ १२३ १२३ २४ १२७ १२६ १२६ १३० १३ १३८ १३६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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