Book Title: Jain Dharma ka Maulik Itihas Part 1
Author(s): Hastimal Maharaj
Publisher: Jain Itihas Samiti Jaipur

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Page 15
________________ ४८६ ४८७ ४८६ ४६० ४६१ ४६३ ४६३ ४६४ ४६७ ४६८ .... ५०१ ५०२ ५०२ ५०३ .... भगवान् पार्श्व के विवाह के विषय में प्राचार्यों का मतभेद . . नाग का उद्धार वैराग्य और मुनि-दीक्षा प्रथम पारणा अभिग्रह भगवान् पार्श्वनाथ की साधना और उपसर्ग केवलज्ञान देशना और संघ-स्थापना : पाव के गणधर पार्श्वनाथ का चातुर्याम धर्म विहार और धर्म-प्रचार भगवान् पार्श्वनाथ की ऐतिहासिकता भगवान पाश्वनाथ का धर्म-परिवार परिनिर्वाण श्रमण-परम्परा और पाश्वं भगवान पार्श्वनाथ का व्यापक प्रभाव बुद्ध पर पाश्व-मत का प्रभाव पार्श्व भक्त राजन्यवर्ग भगवान पार्श्वनाथ के शिष्य ज्योतिर्मण्डल में .... श्रमणोपासक सोमिल ।।.. बहुपुत्रिका देवी के रूप में पाश्वनाथ की प्रार्या भगवान् पार्श्वनाथ की साध्वियां विशिष्ट देवियों के रूप में भगवान् पार्श्वनाथ का व्यापक और अमिट प्रभाव भगवान पार्श्वनाथ की प्राचार्य-परम्परा प्रायं शुभदत्त मार्य हरिदत्त आर्य समुद्रसूरि प्रार्य केशी श्रमण भगवान् श्री महावीर : महावीरकालीन देश दशा पूर्वभव की साधना भगवान महावीर के कल्याणक : ... च्यवन और गर्भ में प्रागमन इन्द्र का अवधिज्ञान से देखना ... ५०७ ५०७ ५०६ ५१३ .... ... .... .... ५२३ ५२५ ५२६ ५२६ ५२७ ५२७ .... .... .... .... .... 0000 ५३३ ५३५ x .००० ~ .... ५४१ ५४३ xiii Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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