________________ "कला-कलाप". "चित्रवर्ण संग्रह वायड गच्छीय जिनदत सूरि के शिष्य अमरचन्द्र सोमराज रचित "रत्न परीक्षा" ग्रन्थ के अंत में सूरि की कृतियों के बारे में प्रबंध कोश में उल्लेख हैं, "चित्रवर्ण" संग्रह के 42 श्लोकों का प्रकरण अत्यंत जिसनें “कला-कलाप" नामक कृति का भी निर्देश है / उपयोगी है। इस ग्रंथ का शास्त्र रूप में उल्लेख है / परन्तु अभी तक यह अप्राप्य है। इसमें 72 या 74 प्रकरणों का निरूपण इसमें मित्तचित्र बनाने के लिये भित्ति कैसी होनी है, ऐसी संभावना है / चाहिये, रंग कैसा बनाना चाहिये, इत्यादि ब्योरेवार वर्णन है। "मसी-विचार" "मसी-विचार" नामक ग्रन्थ जेसलेमर भंडार में है, गुफाओं में और राजा-महाराजों तथा श्रेष्ठियों के जिसमें ताडपत्र और कागज पर लिखने की स्याही प्रसादों में चित्रों को जो आलेखित किया जाता था, बनाने की प्रक्रिया बतायी गयी है। इसका जैन ग्रन्थाउसकी विधि इस छोटे से ग्रंथ से बनाई गई है। यह वली . 362 में उल्लेख है। प्रकरण अप्रकाशित है। 18 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org