Book Title: Jain Dharm Prakash 1923 Pustak 039 Ank 12
Author(s): Jain Dharm Prasarak Sabha
Publisher: Jain Dharm Prasarak Sabha

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Page 46
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 8 ) भाग इटाली, फ्रांस एक आदि पानात्यदेशीमां स, इग्लंड यादि भग्रेजी पत्रमा तेमज तारो -पत्री बने भाषणो द्वारा यथई हती तेमांनी क्खी खरीनों का अंग्रेजी ग्रंथमां पेश करवामां आव्यो छे। हजारो स्मरसाञ्चलियो ते प्रसंगे गली हती, म या प्रथमां आपीछे । उत्तम एन्टीक पेपर ऊपर इन्डीयन मेस अलादाबाद नाल थे। २-८-० १८ विजयधर्मसूरि हिज लाइफ एन्ड वर्क । जगत्पूज्य शास्त्रविशारद - जैनाचार्य श्रीविजयधरिमहाराजनुं अंग्रेजी विस्तृत जीवन चरित्र | लखनार के भावनगरना जज्ज श्रीयुत ए० जे० सुनामाला बी० ए० एल० एल० बी० विलायत - केम्ब्रिीज युनिवर्सिटी मेसमां छपायेल, विनां तमाम म्होटां म्होटों पत्रोमा तेमज मॉर्डन रीव्यु, कलकत्ता रीव्यु विगरे. देरानां भासिद्ध पत्रोमा यग्रंथनी मुक्त कंठे प्रशंसा छपाई के या ग्रंथमां स्वर्गीय तुंबरंगनुं सुन्दर चित्र पर आपदामां आवेल है, के जे विलायत मां ४-८-० लानां वीनां पुस्तको, जैनधर्म प्रसारक सभा-भावश्रात्मानंद सभा भावनगर, सरस्वती ग्रंथमाला आगरा यादि संस्थानां मद । तोश्रीयशोविजय ग्रंथमाला, हेरीसरोड, भावनगर । अथवा श्रीविजयधर्मलच्मी - ज्ञानमंदिर, मेलनगंज श्रागरा | For Private And Personal Use Only

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