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लेखक परिचय डॉ. धर्मचन्द जैन, जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर के संस्कृत-विभाग में सन् 2001 से प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं। आप बौद्ध अध्ययन केन्द्र के संस्थापक निदेशक (2006-2011) एवं संस्कृत विभाग के अध्यक्ष (2009-2012) भी रहे। डॉ. जैन ने बी.ए. ऑनर्स (संस्कृत) तथा एम.ए. (संस्कृत) की परीक्षाएं राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर से स्वर्णपदक के साथ उत्तीर्ण की, शोधकार्य भी इसी विश्वविद्यालय से पूर्ण किया। आप सन् 1981 से राजकीय महाविद्यालयों में सेवा देते रहे तथा 1992 से जोधपुर के जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में अध्यापन कार्य कर रहे हैं। ___भारतीय दर्शन एवं जैन विद्या के साथ प्राकृतभाषा आपके विशिष्ट क्षेत्र हैं। आप राजस्थान संस्कृत अकादमी के अम्बिकादत्त व्यास पुरस्कार (1991), युवा प्रतिभा शोध सम्मान (1994), चम्पालाल साण्ड स्मृति पुरस्कार (1997) आचार्य हस्ती स्मृति - सम्मान (2001), करुणा लेखक-वक्ता-प्रचारक पुरस्कार (2014), रामरतन कोचर स्मृति-सम्मान (2015) आदि से सम्मानित हैं।
आपकी प्रकाशित पुस्तकें हैं1. बौद्ध प्रमाणमीमांसा की जैन दृष्टि से समीक्षा 2. बौद्ध दर्शन में प्रमाणमीमांसा 3. चिन्तन के आयाम। अनेक पुस्तकें सम्पादित हैं, यथामानवजीवन और स्मृतिशास्त्र, बौद्धदर्शन के प्रमुख सिद्धान्त, बौद्धेतर दर्शनग्रन्थों में बौद्धदर्शन, अंतगडदसासूत्र, बृहत्कल्पसूत्र, जीव-अजीव तत्त्व, पुण्य-पाप तत्त्व, आस्रव-संवर तत्त्व, बन्ध-तत्त्व, निर्जरा- तत्त्व, मोक्षतत्त्व, दुःखरहित सुख, सकारात्मक अहिंसा आदि। आप सम्यग्ज्ञान प्रचारक मण्डल, जयपुर से प्रकाशित 'जिनवाणी' मासिक पत्रिका के मानद् सम्पादक हैं। आपने हांगकांग (1995), लन्दन (2006 एवं 2013) तथा नेपाल (2013) की अकादमिक यात्राएं की हैं।