Book Title: Jain Darshan me Praman Mimansa
Author(s): Chhaganlal Shastri
Publisher: Mannalal Surana Memorial Trust Kolkatta
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जैन दर्शन में प्रमाण मीमांसा
वाद द्वात्रिंशिका (सिद्धिसेन)-वा० द्वा० विशेषावश्यक भाष्य-वि० मा० विशेषावश्यक भाष्य वृक्ष-वि० मा० ३० विष्णु पुराण-वि० पु० वृहदारण्यकोपनिषद् -बृह° उप० वेदान्त सार-वे सा सन्मति तर्क प्रकरण-सन्म सन्मति तर्क प्रकरण टीका-सन्म० टी. समवायाग-सम० सर्वार्थ सिद्धि सर्वा० सि० सूत्र कृताग-सू० सूत्र कृताग वृत्ति-सू० ० संयुक्त निकाय-स० नि. साख्य कौमुदी-सा० को स्वयंभू स्तोत्र-स्वयं स्थानाग-स्था० स्थानाग सूत्र--स्था० सू० स्यादवाद मञ्जरी-स्या० म० शारीरिक भाष्य-शा भा० शास्त्र वार्ता समुच्चय-शा० वा. स. श्वेताश्वतरोपनिषद--श्वेताश्व० उप० ज्ञान विन्दु-ज्ञा० वि० ऋगवेद-मृग

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