Book Title: Jain Darshan me Praman Mimansa
Author(s): Chhaganlal Shastri
Publisher: Mannalal Surana Memorial Trust Kolkatta
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जैन दर्शन में प्रमाण मीमांसा
तत्त्वार्थ भाषानुसारिणी टीका-१ मा० टी० तैतरीयोपनिषद् :-चैत० उप० द्रव्यानुयोग तर्कणा-द्रव्यानु० त० दर्शन दिग्दर्शन -६० दि० दर्शनशास्त्र का इतिहास -दर्शन० इ० दशवैकालिक -दशवै० धम्मपद -धम्म० धर्मरत्न प्रकरण -धर्म० प्रक० नय रहस्य -न०२० नन्दी वृत्ति-नं० ० नन्दी सूत्र-नं० न्याय कुमुदचन्द्र न्या० कु० न्याय खण्डन खाद्य-न्या० खं० न्याय दीपिका-न्याय० दी. न्याय विन्दु-न्या० वि० न्याय भाष्य-न्या० मा० न्याय मञ्जरी न्या० म० न्याय वार्तिक-न्या० वा. न्याय सूत्र-न्या० सू० न्यायावतार -न्याया० न्यायावतार टीका न्याया० टी० न्यावावतार वार्तिक वृति न्याया० वा वृ० न्यायोपदेश -न्यायो परिक्षामुख मण्डन -प० मु० म० पूर्वी और पश्चिमी दर्शन-पू०प० प्रमाण प्रवेश-प्र० प्र० प्रमाण मीमांसा -प्रमा० मी० प्रमाण वार्तिक -प्र० वा.

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