Book Title: Jain Darshan
Author(s): Mohanlal Mehta
Publisher: Sanmati Gyan Pith Agra

View full book text
Previous | Next

Page 402
________________ ( ४ ) पृष्ठ ६६-७२ २८३-२१२ २८६ १६० २८१ ३०० १३९-१४६ २११-२१२ २१३-२१५ २३५-२३७ १०२-१०३ २७६ १०६ पृष्ठ प्रकृति बन्ध ३४८-३५६ भारतीय संस्कृति प्रकीर्णक ८५ भाव प्रचला ३४६ भाव दृष्टि प्रचला प्रचला ३४६ भेद प्रतिज्ञा २७० भेदवाद प्रत्यक्ष २४६, २६६-२६२ भंग प्रत्यभिज्ञान २६४-२६६ भेदाभेदवाद प्रत्याख्यान २७६-३५१ मतिज्ञान प्रदेश दृष्टि २६०-३३० प्रदेश वन्ध ३५६ मनःपर्ययज्ञान प्रभाचन्द्र १०६-११० मल्लवादी प्रमाणशास्त्र-व्यवस्था-युग महावीर १०४-११३ मारिणक्यनन्दी प्रमारण सप्तभंगी मिथ्यात्वमोहनीय प्रामाण्य २५५---२५७ मिश्रमोहनीय १८४-१८६ ३५५ मूल बुद्ध २७७ मेरुतुग . ब्राह्मण संस्कृति ७२-७४ मोहनीय भारतीय परम्परा ३०-३७ यथाख्यात चारित्र चार्वाक ३०-३६ यथार्थवाद जैन . जड़ाद्वैतवाद ३२-३३ द्वतवाद सांख्य । नानार्थवाद योग मीमांसा न्याय सांख्य वैशेषिक विशिष्टाद्वैतवाद पूर्व मीमांसा ३५-३६ द्वैतवाद (मध्व) वेदान्त न्याय-वैशेषिक ३४६ बंध ३५१ २७६ मुक्त बन्धन ११३ ३५२ ३५१ ५४-६४ ५६ बौद्ध ४६-६० U ३४-३५ ६०-६१ । .

Loading...

Page Navigation
1 ... 400 401 402 403 404 405