Book Title: Jain Agam me Darshan
Author(s): Mangalpragyashreeji Samni
Publisher: Jain Vishva Bharati

Previous | Next

Page 340
________________ संस्करण प्रकाशक Jain Education International 320 107.व्यवहारभाष्य 1996 जैन विश्वभारती संस्थान, लाडनूं 1978 क्रम ग्रंथ का नाम लेखक, सम्पादक प्रधान संपा. आचार्य महाप्रज्ञ संपा. समणी कुसुमप्रज्ञा 10 8.श्लोक वार्तिक द्वारिकादास शास्त्री 109. श्रावकधर्म विधि प्रकरण । वृत्तिकार श्रीमान् देव सूरि 1 10. श्री भाष्यम् (द्वितीय भाग) हिन्दी टीकाकार ललित कृष्ण गोस्वामी 111. श्रीमदावश्यकसूत्रं (पूर्वभाग) आचार्य भद्रबाहु (नियुक्तिचूर्णियुत) 112. श्रीमदावश्यकसूत्रं (उतर भागः) आचार्य भद्रबाहु 1924 तारा पब्लिकेशन्स, वाराणसी श्री जैन आत्मानन्द सभा, भावनगर चौखम्बा संस्कृत प्रतिष्ठान, दिल्ली 2000 1928 For Private & Personal Use Only 1929 11 3. श्रीमद् भगवद्गीता 114. श्री व्याख्याप्रज्ञप्ति सूत्रम् 1-3 अभयदेवसूरि वि. सं. 20 50 वि. सं. 20 49 श्री जैन बन्धुमुद्रणालयाधिपः श्रेष्ठी जुहारमल मिश्रीलाल पालरेचा, इन्दौर श्री ऋषभदेवजी केशरीमलजी श्वेताम्बर संस्था, रतलाम गीता प्रेस, गोरखपुर श्री जिनशासन आराधना, ट्रस्ट दुकान नं. 5-6-7-82, बद्रीकेश्वर सोसायटी मरीन ड्राइव, इ, रोड मुम्बई सूर्य पुरीयश्री जैनानंद मुद्रणालय व्यापारयिता शा. मोहनलाल मगनलाल बदाम 115. श्री सूत्रकृतांगचूर्णि जिनदासगणि 1941 www.jainelibrary.org जैन आगम में दर्शन

Loading...

Page Navigation
1 ... 338 339 340 341 342 343 344 345 346