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२.
३.
४.
मूलचन्द जी
गुलाब चन्द जी
वाल जी
५.
नागजी
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मूलजी देवचन्द्र जी
७.
८
मेघराजजी
६.
सन्ध जी
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१०. मुनि श्री हरजीवन जी महाराज ग्रादि मौजूद है | ११ पूज्य मुनि श्री मगनलाल जी महाराज
१२.
लक्ष्मी चन्दजी महाराज कान जी महाराज
कर्मचन्द जी महाराज |
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प्राचार्य चरितावनी
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६. पच्छ आठ कोटि (मोटी पक्ष)
प० श्री इन्द्र जी महा० के शिष्य पू० श्री कुरसन जी स्वामी कच्छ देश मे पधारे और ग्राठ कोटि की प्ररूपणा की । तब से कच्छ, आठ कोटि समुदाय की स्थापना हुई । कालान्तर मे कच्छ समुदाय के भी दो विभाग हो गये ।
(१) आठ कोटि मोटी पक्ष और (२) आठ कोटि नानी पक्ष ।
आठ कोटि मोटी पक्ष की प्राचार्य परम्परा
१. पूज्य श्री धर्मदास जी महाराज
मूलचन्द जी
इन्द्रजी
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सोमचन्द जी
भगवान जी
थोमणजी
39
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11
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31
39
25
11
(मोटा तपस्वी)
१५.३