Book Title: Jain Acharya Charitavali
Author(s): Hastimal Maharaj, Gajsingh Rathod
Publisher: Jain Itihas Samiti Jaipur

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Page 170
________________ उद्योतनमूरि- ७३ उपनन्द – १३ उम्मेदचन्द्रजी - १५१ उम्मेदमलजी - १५६ ऋ ऋषभदत्त - २३ ऋजुमती - ११ ऋषिरामजी म० - १३३ ए एकलिंगदासजी म० - १०१, १५८ क कजोडीमलजी म० - १२०, १२१, १३४, १५७ A कनीरामजी - १३३ कन्हैयालालजी - १३४ कपूरदेवी - १२४ कवीर - ८५ कर्मचन्दजी म० -१५३, १५४ करममीजी - १५४ करनसनजी म० -१५४ कर्मसिंहजी ऋषि - १२६ कल्याणचदजी ऋपि – १२६ कल्याणजी-१४६ नुक्रमणिका कस्तूरचन्दजी म० १४५, १५६ कान्ति ऋषिजी - १४२ - कातिविजयजी - १२२ - कानजी ऋषि - ६१, १२६, १४०, A १४१, १४२, १४६, १५१, १५३, कानजी स्वामी - १५१ कानमलजी – १५४, १५६ कान्हामुनि - ९६ कालकाचार्य - २६, २७, ३८, ३५ काला ऋषि - ६१, १४१ काशीरामजी - १००, १४१ किशन मुनि -- १०१ किशनलालजी म० – १४४, १५६ कुधरी - १२६ कुन्दनमल फिरोदिया - ६८, १०२ कुन्दनमलजी म०–६६, १००, १३५ कुवरजी ऋषि - १२२, १२५, १२६, १२७, १४३, कुवरजी यति- २४४ कुमारपाल – ७६, ७८, कुरसनजो - १५३ कुशलचन्दजी - १४१ ~~~~ कुशलजी - ६४, १२९, १५७, कृष्ण आर्य - ६७, ६८०० केशवजी - १२२, १२५, १२६, १२७, १४४, १४६, १५४, १५६, कोटि सेठ - ७६ कोट्टवीर - ७० कोडिन्य - १६३ -७० ख सपुट आर्य - ३४, ५ खुशालजी म० - १३६ सूबचन्द जी - १२६, १४५

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