Book Title: Gyanbindu Prakarana
Author(s): Yashovijay Upadhyay, Sukhlal Sanghavi
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 241
________________ ५. ज्ञानबिन्दुटिप्पणगतानां पारिभाषिकशब्दानां सूची। शिल्प श्रुतमय ७१.७. सत्य १०३.२७. शुभा [कर्मप्रकृति] ६४.३४. सन्तान ११०.२१. शून्यता ११०.३. सम्यग्दर्शन १०३.२१. शून्यतावासना १०९.३१.. सर्वघातिन् ६४.३४,६६.७. श्रुत .७०.२२,९९.२८,१००.३,१४; सर्वघातिनी ६३.२७,६७.१९. १०६.८१०९.३. सर्वज्ञ १०८.२०. श्रुतज्ञान ६८.८६९.९,१४,१८,२७, सामर्थ्ययोग १०८.२९. १०५.१२,११७.२८. सिद्ध ६१.१९. श्रुतज्ञानावरणक्षयोपशम सुयनाण (श्रुतज्ञान) १०५.७. श्रुतनिश्रित ६८.२७,७०.१७;७१.१३. सूत्र ७४.१३,१६,२९. ७४.२२. स्पर्धक ६२.१७,२४,३१,६३.९. श्रुतोपयोग ७१.१९. | स्पर्श १०८.१४. श्रेण्यारोह ६५.१५. स्वतो ग्राह्यत्व १०४.९. श्रोत्रेन्द्रियोपलब्धि १००.२२. स्वमान्तिक ८०.७,२८८३.३. स्वरूपहिंसा ९८.१३. [ष-स] पदस्थानपतितत्व ९९.१३. [ह] 'षडायतन १०८.१४. हंतब्वा नो भूआ (हन्तव्या न भूताः) ७६.६. ७१.२३,७२.३१. हिंसक ८०.३४,८४.१९९६.२२. संशय १०२.१७. हिंसा ८०.३२,८१.२,८४.९,१५,१७,८९.३०; संसार ८२.२४. ९०.८,१२,९१.१,९२.१७,९३.३०,९६.२३,२८. संस्कार १०८.१२,११०.३०. हिंस्र ९२.३. संहिता ७३.१२,७४.६.| हेतुतः हिंसा ९८.१३. संज्ञा ६. ज्ञानबिन्दुटिप्पणगतानां विशेषनाम्नां सूची। अङ्गानाप्रविष्टादिश्रुत १०४.११. अजितस्वामिन् १०७.१७. चिस्सुखाचार्य ११२.१३. अद्वैतसिद्धि ५८.१६. जैन ८६.२०२८७.२४,८८.७,१०९.१३. अभयदेव १०९.१२. तत्वसंग्रह १०९.११. अभयदेववृत्ति ११४.३०. तस्वार्थसूत्र १०५.९. आगम ७६.५,७७.२५,७८.१८,२४,३१./दिगम्बरपरम्परा १०७.७. आरम्भाधिकरणभाष्य ६०.२७. धर्मकीर्ति १०९.१०. आईत ८६.१२,८७.१८. नम्नाटक ८५.२४. आवश्यकटीका ७१.२३. निरंशवस्तुवादिन १०२.३४. उपदेशपद ७८.२२. निर्ग्रन्थ ८५.२४. कन्दली १०९.१२. नियुक्तिकार ८०.९. कल्पतरू ६०.३२. नियुक्तिकृत् ८०.२७. कल्पभाष्य ९४.४,५. नैरात्म्यवादित्व ८५.१९. क्रियावाद्रिदर्शन ८०.१४. नैष्कर्यसिद्धि ५९.१९. गलकर्तक ८७.११. न्यायनय १०४.१६. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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