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जाहिरात। .
मूलके अनुसार यथावत् आषा करके मूल श्लोकोंक अंक भी लगादिये गयेहैं. रामायणकी कथामूल पढ़नेवालोंको पुराण बांचनेमें बहुत उपयोगी होगा-जिन महाशयोंको लेना होवे २१०० भेजदेनेसे भाषाटीकासहित इस पुस्तकको अपने स्थानपर पासकेंगे
और भाषावातिकको१०रु भेजनेसे पासकेंगे.महाशयो! इस अलभ्य लाभको शीघ्रता करिये.
रघुवंश भाषाटीकासहित। पद योजना तात्पय्यार्थ सरलार्य भाषानुवाद तथा गूदाशयों में टिप्पणी समन्वितकर अतीव स्वच्छता पूर्वक छापाहै ऐसा विद्यार्थियों के उपयोगी ग्रंथ आजतक अन्यत्र नहीं छपा मूल्य केवल ३॥ रु. है। ___ भक्तमाल संस्कृत अत्युत्तम चारों युगोंके भक्तोंकी कथा हैं छपा तयार है.
पुस्तक मिलनेका ठिकानाखेमराज श्रीकृष्णदास,
"श्रीवेङ्कटेश्वर" छापाखाना. . खेतवाड़ी न्यॉकरोड-मुम्बई,