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आचारमार-1-) त्रिलोकसार - १ |II) तत्त्वानुशासनादिसंह - मू० ||| - )
अष्टमस्री - मु० ३)
विश्वलोचनकोश - मू० १ =)
गोम्मटसार जीवकाण्ड मूल और संस्कृत छाया मू० =) सर्वार्थसिद्धि - २) तत्त्वार्थ राजवार्तिक मू० ४ || )
श्लोक वार्तिकालंकार - मूल्य ४ )
औषधिदान.
चार प्रकारक औषधदान प्रधान । प्राण तो देय सब अभय अशन अरु ज्ञान ॥ "सागर में एक पारमार्थिक दिगंबर जैन औषधालय करीब
२ सालसे स्थापित है इस औषधालय से सैकड़ो रोगी रोगसे निर्मुक्त हो रहे हैं जिन भाईयों को दवाइओंकी आवश्यकता हो निम्नलिखित पते पर रोगका नाम निदान आदि लिख कर मगा सकते हैं उनको सिर्फ डाक महसूल और पेकिंग खर्च देना पड़ेगा । इसके सिवाय जो महाशय औषधि दान करना चाहें अर्थात् सहायता
देना चाहें वह भी इस पते पर सहायता प्रदान करें ।
पता - मंत्री जैन औषधालय,
ठि० सदूबोध रत्नाकर कार्यालय-बड़ाबानार, सागर (सी० पी० )