Book Title: Gurjar Jain Kavio ki Hindi Sahitya ko Den
Author(s): Hariprasad G Shastri
Publisher: Jawahar Pustakalaya Mathura
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१७२ मेघकुमार गीत १७३ मोती कपासीया संबंध संवाद १७४ मंगलगीत
१७५ मंगावती चौपाई
१७६ मंगावती रास
१७७ रत्न कीर्तिगीत
१७८ रत्नकीर्ति के पद
१७६ राजुल नेमिनाथ धमाल
१८० राजचन्द्र प्रवहण
१८१ रागमाला
१-२ रागमाला ( कुंवर कुगल)
१९२ लवांकुश छप्पय
१९३ वलकल चोरी रास
आलोचना-खड
१९४ वस्तुपाल-तेजपाल राम
१९५ वणजारा गीत
१९६ वसंत विलास गीत
१९७ वासुपूज्यनी धमाल
१९८ विजय कीर्ति छन्द १९९ विक्रमचरित्र पंचदंड कथा
२०० विनती ( कनक कीर्ति) २०१ विनय विलास २०२ विरह मानवीसी स्तवन
२०३ विनयचंद्र के पद, गीत, स्तवन
२०४ विद्यासागर के पद
२०६ वीसी (वीस विरहमान स्तवन ) २१० वीस विरहमान गीत (जिनराजसूरि ) २११ वीसी (केशरकुशल )
२१२ वीसी (श्री न्याय सागर ) २१३ वैदविद्या (धर्मवर्धन) २१४ वैराग्य बावनी ( लालचन्द ) २१५. वैद्य विरहणी प्रबंध.
१८३ रुपंचचन्द-कुवंररास
१८४ रोहिणेय रास
१८५ रोहिणी रास
२१६ व्यवहार बुद्धि धनदत्त चौपाई
१८६ लखपति यश सिंधु ( कनक कुशल ) २१७ शत्रु जय. स्तवन (साधुकीर्ति ) १८७ लखपति मंजरी नाम माला २१८ शत्रुंजय यात्रा स्तवन ( कनक कुशल )
१८८ लखपति मंजरी नाम माला कुँवर कुशल २११ शत्रु जय रास १८६ लखपति जस सिंधु ( कुंवर कुग़ल ) १९० लखपति पिंगल अथवा कवि रहस्य १९१ लखपति स्वर्ग प्राप्ति समय
२२० शालीचन्द्र रास २२१ शांतिनाथ स्तवन
२२२ शांतिनाथ छन्द
२२३ शांतिजिन विनती रूप स्तवन
२२४ शांव प्रद्युम्न चौपाई
२२५ शीलगीत
२२६ शीतकारके सवैया
२२७ शुभचन्द्र के पद २२८ शंखेश्वर पार्श्व स्तवन
२०५ विरह मानवीसी स्तवन ( समयसुंदर ) २०६ विवाह पटल भाषा
२०७ वीरांगदा चौपाई
२०८ वीर विलास फाग
२२९ श्रीपाल आख्यान ( वादिचन्द्र ) २३० श्रीपाल रास
२३१ श्रीपाल स्तुति ( कनककीर्ति)
२३२ श्रेणिक रास
२३३ श्रेणी चरित्र

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