Book Title: Gurjar Jain Kavio ki Hindi Sahitya ko Den
Author(s): Hariprasad G Shastri
Publisher: Jawahar Pustakalaya Mathura
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३३८
मानोनना
४६ गोद सिंगल
५० चंद्रमौगि पर ५० ग्यारह अंग मनाय
८१ सय गायनी ५१ चतुर्विशति न्तुति ५२ चतुर्थिगति जिनगीत (जिनरागमूति) -३ जनोपर मीन ५३ नतुर्विगंतिया स्तवन
८४ अवमुमार प्राचार (नीबीसी-विनयन) ५४ चार प्रत्येक बुद्धगम
८५ जानवर वैनि ५५. चिमसेन गमावनी रारा
८६ जन्मुम्वामी यनि ५६ चित्तनिरोध कन्या
२७ जन दिलान ५.७ चिंतामणी गीत
८८ जगवाजवायनी ५८ चुनड़ी (साधुकीनि)
८१ जिनवर त्यानी बिन्नी ५६ चुनड़ी गीत
६० जिन आंतरा ६० चौबीसी (सौभाग्य विजयजी) ६? जिनगज स्तुनि ६१ चौबीसी (ममयमुन्दर)
१२ जिनहर्प के पद, गीन, स्तवन ६२ चौवीसी (धर्मवचन)
६३ जिहादत विवाद ६३ चौवीसी जिन सर्वया (फर्मवर्धन) १४ ढोलामार नोपाः ६४ चौबीमी (आनंद वर्धन २) ६५ तत्व सार दोहा ६५ चोवीसी (वृद्धि विजयजी)
६६ धावच्चा चोपाई ६६ चौबीसी (जिनहपं)
६७ दानादि चौढ़ालिया ६७ चौबीसी (लक्ष्मी वल्लम)। ६८ दिग्पट चौरासी बोल ६८ चौबीसियां (श्रीन्याय सागर) ६६ देवदत्ता चौपाई ६६ चौबीसी (ऋपम सागर)
१०० देवराज बच्छराज चौपाई ७० चौवीसी (हंम रत्न)
१०१ देशांतरी छंद ७? चौबीमी (लावण्य विजयगणि) १०२ देवचन्द्रजी के पद ७२ चौबीसी जिन सवैया (जिनउदय-सूरि) १०३ दोहामातृका बावनी ७३ चौवीसी (गुण विलास)
१०४ द्रौपदी चौपाई ७४ चौबीसी जिन सवैया
१०५ द्रव्य प्रकाश ७५ चेतन बत्तीसी
१०६ धर्म परीक्षा रास ७६ चन्दागीत
१०७ धर्म बावनी ७७ चंदनमल्या गिरि चौपाई
१०८ धर्मवर्धन के फुटकर पद ७८ चंद्रसेन चंद्र द्योत नाटकिया प्रबन्ध १०६ नवकार छन्द ७६ चंपक श्रेष्टि चौपाई
११० नलदमयंती चौपाई

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