Book Title: Gujarati Bhashani Utkranti
Author(s): Bechardas Doshi
Publisher: Mumbai University

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Page 684
________________ उपसंहार तळपदी मातृभाषानुं शोषण न थाय ए ध्यानमा रहेQ जोईए. ज्यां सुधी मातृभाषानुं तळपदुं दूध आपणे न पीईए त्यां सुधी मातृभाषाना उदयनो सूर्य ऊगवो कठण छे. __ जेवो पूर्वे हतो एवो समय फरी आवे एटले आपणा बधानी एक भाषा बने अने ग्राम तथा नगर वच्चे तथा साक्षर अने निरक्षर वच्चैनो भाषानो अंतराय तूटी जाय-एवी परमात्मा प्रति मारी नम्र प्रार्थना छे अने 'गुजराती भाषानी उत्क्रांति' नां भाषणोनी समाप्ति करतां मने लागे छे के ए प्रार्थना विशेष उचित ज छे. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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