________________ ओशो वास्तव में एक अज्ञेयवादी मुक्त चिंतक हैं। वे अत्यंत गहरे ज्ञानी हैं और अति स्पष्ट धारणाओं को सरल भाषा में विनोदपूर्ण बोधकथाओं के माध्यम से समझाने में कुशल हैं। वे देवताओं, भविष्यद्रष्टाओं, शास्त्रों और धार्मिक रीति-रिवाजों का मजाक उड़ाते हैं तथा धर्म को एक नया आयाम देते हैं। आदिशंकराचार्य के बाद हमने ओशो जैसा स्पष्ट सोचनेवाला दार्शनिक पैदा नहीं किया है। -खुशवंत सिंह सुप्रसिद्ध लेखक एवं वरिष्ठ पत्रकार A REGEL BOOK ISBN 81-7261-124-2