Book Title: Gita Darshan Part 02
Author(s): Osho Rajnish
Publisher: Rebel Publishing House Puna

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Page 457
________________ ओशो का हिन्दी साहित्य | कबीर सुनो भई साधो कहै कबीर दीवाना कहै कबीर मैं पूरा पाया न कानों सुना न आंखों देखा (कबीर व फरीद) उपनिषद सर्वसार उपनिषद कैवल्य उपनिषद अध्यात्म उपनिषद कठोपनिषद ईशावास्य उपनिषद निर्वाण उपनिषद आत्म-पूजा उपनिषद केनोपनिषद मेरा स्वर्णिम भारत (विविध उपनिषद-सूत्र) जगजीवन नाम सुमिर मन बावरे अरी, मैं तो नाम के रंग छकी कृष्ण गीता-दर्शन (आठ भागों में अठारह अध्याय) कृष्ण-स्मृति दरिया कानों सुनी सो झूठ सब अमी झरत बिगसत कंवल सुंदरदास हरि बोलौ हरि बोल ज्योति से ज्योति जले महावीर महावीर-वाणी (दो भागों में) जिन-सूत्र (दो भागों में) महावीर या महाविनाश महावीर : मेरी दृष्टि में ज्यों की त्यों धरि दीन्हीं चदरिया पलटू अजहूं चेत गंवार सपना यह संसार काहे होत अधीर एस धम्मो सनंतनो (बारह भागों में) धरमदास जस पनिहार धरे सिर गागर का सोवै दिन रैन अष्टावक्र अष्टावक्र महागीता (छह भागों में) दादू लाओत्से ताओ उपनिषद (छह भागों में) सबै सयाने एक मत पिव पिव लागी प्यास 431|

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