Book Title: Geetashastrasya Pratikandam
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobetirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir गी. म. श्रीशराख्यैः पुनर्विस्पष्टं मधुसूदनेन मुनिना स्वज्ञानशुद्ध कृतम् इह योस्ति विमोहयन् मनः परमानन्दवनः सनातनः गुणदोष |देषएव नस्तुणतुल्यायदयं स्वयं जनः श्रीरामविश्वेश्वरमाधवानां प्रसादमासाद्य मया गुरूणाम् व्याख्यान मेतदिहित सुबोधं समर्पित इतिश्रीमद्भगवद्गीतालूपनिषत्सुब्रह्मविद्यायां योगशास्त्रेश्रीकृष्णार्जुनसंवादे संन्यासयोगो नाम अष्टादशोऽध्यायः॥१८॥ श्रीकृष्णार्पणमस्तु // शुभं भवतु // 7 // // 7 // | तचरणाम्बुजेषु // // इलिश्रीमत्परमहंसपरिव्राजकाचार्यश्रीविश्वेश्वरसरस्वतीपूज्यपाशिष्यत्रीमधूसूदनसरस्वतीविरचितायां श्रीभगवद्गीता। गुहार्थदीपिकायामष्टादशोऽध्यायः // 18 // यष्टादशशते शाके माघशुक्ले समापिता || गुढार्थदीपिका टीका नवम्याजिंदुवासरे // 1 // नारायणमयूराभ्यां परोपकृतिसिद्धये / / मुद्रिता कीलयन्त्रे खे तेन कृष्णः प्रसीदतु // 2 // श्रीसद्गुरुः कृष्णोविजयते 52515251525555251525152515251526 // 20 For Private and Personal Use Only

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