Book Title: Epigraphia Indica Vol 29
Author(s): Hirananda Shastri
Publisher: Archaeological Survey of India
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No. 32] NANDURU PLATES OF VELANANTI RAJENDRA-CHODA : SAKA 1991 241 37 वर्द्धनभूपतिः । षट्त्रिंशदब्दान्बुभुजे भुजवीर्यान्महाभुजः ॥१७॥*] 'तत्पुत्रो [वि*
Third Plate ; Seconil Side 38 जयादित्य]नामाष्टादशवत्सरान् [*] तत्तनयो नरेंद्रो] नृपतिरष्टा चत्वारिं
शद्वत्सरानि (णि)...... 39 समरशिरसि [वैरिनिकरं विजित्य] तावंति गौरीपतेरायतना[नि] यश्चक्रे । [॥१८*1]
__ तत्सूनुरेना(मथ] विष्णुवर्द्ध]40 नः षट्त्रिंशदब्दा[न्निजवंद 1 संग्रामरंगे रिशुभीतिवर्द्धनः क्षोणीमरक्षत्क्षितिपो
यशोधनः] । [॥१६॥*] [त]41 त्सुत्रः कलिविष्णुवर्द्धनोध्यर्द्धवर्षम् लत्तनयो गुणांकविजयादित्यश्चतुश्चत्वारिंशद्वर्षाणि •
। तद्भातुःक. 42 नीयसो विक्रमादित्यनाम्नः पुत्रश्वालुक्यभीम[स्त्रि]शदब्दान् . . . . . . . . .
. . संग्रामशिरसि रिपुगणं जित्वा___43 नेकपुण्यस्थानेषु भगवतो महादेवस्यालयाग्निर्ममे । तात्सूनुर्विजयादित्यो नाम
मासाषट्कमथ] 44 परिपाल्य विरजान्नामपुरी विजित्य त्रिदिवमगमत् [*] तदात्माजोम्मराजः प्रति
संवत्सरं तुला[पूरुषान] 45 कुन्सप्तहायनमवनीमपालयत् [*] तद्दायादस्ताडपो मा]समेकम्महीं [श Jशास
.. [*] चालुक्यभी46 मसुतो विक्रमादित्यस्तु स्ता(ता)डपं जित्वा एकादशमासान् क्षितिं ररक्ष [ .
ताडपस्यात्मजो युद्धम47 ल्लस्सप्तसंवत्सरान् । अम्मराजानुजो राजभीमस्समरशिरसि युद्धमल्लं परिजित्य
द्वादश 48 ममा वसुमती शशास [[*] 'तस्यात्मजो दीर्घ भुजावभूतां दानार्णवाम्मक्षितिपो
सुरूपौ [*] पंचो1 Metre: Anushkabh, only one ridin. dietre : Intruranish. • Red गुणगांक' or गुणग'.
Metre : Upajasi. • Rnd बीर्ष.
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