Book Title: Ek Sadhe Sab Sadhe
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 149
________________ ध्यानयोग-विधि-२ १३९ परिशिष्ट (१) शिविर में शामिल होने वाले साधकों को प्रात:कालीन सत्र प्रारंभ होने से लगभग ४५ मि. पूर्व जागकर शौच-स्नानादि नित्यकर्मों से अवश्य ही निवृत हो जाना चाहिए। (२) श्वेत वस्त्र धारण करना साधना के लिए उपयुक्त है। (३) पेट खाली रखें। चाय-कॉफी, बीड़ी-सिगरेट, तंबाख या अन्य किसी व्यसन आदि का सेवन शिविर-काल में कतई न करें। शाम को भी सत्र प्रारंभ से कम-से-कम एक घंटा पहले केवल हल्का भोजन, फल या दूध का ही सेवन करें। (४) शिविर-काल में अधिकतम मौन एवं सांसारिक कार्यों से निवृत्त रहने का प्रयास करें। (५) बनती कोशिश शिविर-काल में परिवार के साथ निवास न करें। (६) शिविर-काल में अपने व्यक्तिगत कार्य स्वयं करें एवं शिविर की व्यवस्थाओं में श्रमदान करें। (७) शिविर में अनुशासन बनाए रखें एवं अपने मन-वाणी-कर्म से कोई ऐसा कार्य न करें, जो अन्य साधकों या आयोजकों के लिए कष्टकारी एवं अव्यवस्थाप्रद हो। (८) शिविर में अपने व्यवहार से वातावरण को अधिकतम मैत्रीपूर्ण, निर्मल एवं उल्लासमय बनाने का प्रयास करें । दूसरों की मदद करने का प्रयास करें। (९) आंतरिक कुंठाओं से मुक्त होकर सभी से सद्व्यवहार करें । सदा सजग और प्रसन्न रहें। - शिविर में सम्मिलित होने के लिए श्री चन्द्रप्रभ ध्यान निलयम्, ७१८ पहली बी रोड़, सरदारपुरा, जोधपुर (राज.) के पते पर पत्र-व्यवहार करें। Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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