Book Title: Drushti ka Vishay Author(s): Jayesh M Sheth Publisher: Shailesh P Shah View full book textPage 2
________________ दृष्टि का विषय (वस्तु-व्यवस्था सहित) - अर्पण - - उपकारी बन्धुओं को - श्री नेमिषभाई शान्तिलाल शाह और श्री हितेनभाई अनन्तराय शेठ को, पूज्य गुरुदेव श्री कानजीस्वामी का साहित्य और दिगम्बर ग्रन्थ उपलब्ध कराने के उपलक्ष में तथा हमारे सर्व कार्यों में सर्व प्रकार से सहायता करनेवाले श्री रश्मिनभाई मोहनलाल शेठ को “जो जीव राग-द्वेषरूप परिणमित हुआ होने पर भी मात्र शुद्धात्मा में ही (द्रव्यात्मा में ही स्वभाव में ही) 'मैंपना' (एकत्व) करता है और उसका ही अनुभव करता है, वही जीव सम्यग्दृष्टि है अर्थात् यही सम्यग्दर्शन की विधि है।" - लेखक - सी.ए. जयेश मोहनलाल शेठ (बोरीवली), बी.काम., एफ.सी.ए. प्रकाशक : शैलेश पूनमचन्द शाहPage Navigation
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