Book Title: Dodhak Vrutti
Author(s): Vajrasenvijay
Publisher: Jain Dharmik Tattvagyan Pathshala

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Page 188
________________ . संक्षिप्तप्राकृतधातुरूपमाला 177 होआवे- होआवेस्सं होआवेस्सामि, होआवेस्सामो-मु-म. होआवेहामि, होआवेहामो-मु-म. / होआवेहिमि, होआवेहिमो-मु-म. होआवेहिस्सा, होआवेहित्था. सर्ववचन-सर्वपुरुषेषु होअ- होएज्ज, होएज्जा, होइज्ज, होइज्जा, होएहोआव-होआवेज्ज, होआवेज्जा, होआविज्ज, होआविज्जा. होआवे- " " " . " ___ प्रेरके क्रियातिपत्त्यर्थरूपाणि / सर्ववचन-सर्वपुरुषेषु होअ- होएज्ज-ज्जा, होइज्ज-ज्जा, होए- " ". " होआव- होआवेज्ज-ज्जा, होआविज्ज-ज्जा. होआवे- , , , , ... पुल्लिगे. एकवचन. बहुवचन. होअ- होअन्तो, होएन्तो, होअन्ता, होएन्ता, होइन्तो, . होइन्ता. होअमाणों, होएमाणो. होअमाणा, होएमाणा. होए- होएन्तो, होइन्तो. होएन्ता, होइन्ता. __ होएमाणो. होएमाणा,

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