Book Title: Dodhak Vrutti
Author(s): Vajrasenvijay
Publisher: Jain Dharmik Tattvagyan Pathshala
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________________ संक्षिप्तप्राकृतधातुरूपमाला 175 - होआवेस्सइ, होआवेस्सए.] होआवेस्सन्ति, होआवेस्सन्ते.] . होआवे- होआवे हिइ, होआवेहिए. होआवेहिन्ति-न्ते, होआवेहिरे. [होआवेस्सइ, होआवेस्सए.) [होआवेस्सन्ति, होआवेस्सन्ते.] बी. पु. होअ- होइहिसि, होइहिसे, होइहित्था, होइहिह. होएहिसि, होएहिसे. होएहित्था, होएहिह. [होइस्ससि, होइस्ससे, . [होइस्सह, होएस्सह.] होएस्ससि, होएस्ससे.] होए- होएहिसि, होएहिसे, होएहित्था, होएहिह. होएस्ससि, होएस्ससे.] [होएस्सह.] होआव- होआविहिसि, होआविहिसे, होआविहित्था, होआविहिह. होआवेहिसि, होआवेहिसे. * होआवेइत्था, होआवेहिह. [होआविस्ससि, होआविस्ससे, [होआविस्सह, होआवेस्सह.] होआवेस्ससि, होआवेस्ससे. होआवे- होआवेहिसि होआवेहिह. - [होआवेस्ससि ] . [होआवेस्सह.] होआवेहिसे, [होआवेस्ससे.]

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