Book Title: Dhyan Sadhna aur Siddhi
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 163
________________ संबोधि-धाम [ धर्म और जीवन-दर्शन का व्यावहारिक स्वरूप] योग और साधना के क्षेत्र में संबोधि-धाम किसी पवित्र तीर्थ के समान है। धरती पर वे स्थान किसी श्रेष्ठ मन्दिर की तरह ही होते हैं, जहाँ मन की शान्ति और आध्यात्मिक सत्य की साधना होती है । संबोधि-धाम जोधपुर की कायलाना झील और अखयराज सरोवर के समीप पर्वतमालाओं की गोद में स्थित एक ऐसा साधना-केन्द्र है, जहाँ अब तक बीस हजार से अधिक लोगों ने सत्य, शान्ति और मुक्ति की साधना की है। हर व्यक्ति शान्त मन का स्वामी बने, बोधपूर्वक जीवन जिए और मुक्ति को आत्मसात् करे, संबोधिसाधना की सबके लिए यही पावन प्रेरणा है । संबोधि-धाम में प्रति सप्ताह रविवार को नियमित ध्यानयोग सत्र आयोजित होते हैं और वर्ष में चार बार संबोधि-साधना के विशिष्ट शिविर आयोजित किए जाते हैं । संबोधि-साधना के द्वार प्राणीमात्र के लिए खुले हैं। यहाँ न जाति का भेद है और न पंथ का आग्रह। सर्व धर्मों का सम्मान और 'मानव स्वयं एक मन्दिर' की सद्भावना को लिए संबोधि-धाम जन-जन की सेवा के लिए समर्पित है । संबोधि-धाम का हरा-भरा वातावरण, यहाँ की शान्ति और नैसर्गिकता साधक को साधना की अनुकूलता प्रदान करती है। संबोधि-धाम के उन्नत शिखरों पर निर्मित ध्यान-मन्दिर और अष्टापद- मन्दिर हमें हिमालय और माउंट आबू का अहसास देते हैं। मन-मस्तिष्क के रोगोपचार के लिए यहाँ मनस् चिकित्सालय भी है, जिसमें जर्मनी और इंग्लैण्ड से आयातित 'पुष्प- अर्क' के द्वारा सफल उपचार होता है । साधकों के नियमित उपयोग के लिए यहाँ साहित्य केन्द्र, पुस्तकालय, आवास-कक्ष, भोजनशाला, पर्ण कुटीर, एकान्त - कक्ष आदि उपलब्ध हैं। मन की शांति, स्वास्थ्य-लाभ एवं आध्यात्मिक साधना हेतु आप यहाँ सादर आमंत्रित हैं । श्री चन्द्रप्रभ ध्यान निलयम् संबोधि-धाम, कायलाना रोड, जोधपुर - 4 (राज.) फोन : 2629812 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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