________________ हम जिन बिंदुओं पर सोचेंगे, प्रकृति हमें उस ओर बढ़ने में मदद करेगी। किसी बिंदु पर मन को स्थिर करना ध्यान का ही एक रूप है। कहते हैं हस्तरेखाएँ बदलती हैं। जो रेखा आज है, जरूरी नहीं है कि वह छह महीने के बाद भी रहे। विचारों के परिवर्तन के साथ रेखाएँ भी बदलती रहती हैं। कुछ लोग रेखाओं को देख कर व्यक्ति की मनःस्थिति और भाग्यस्थिति बतलाते हैं। मैं कहूँगा तुम मन की स्थिति सुधार लो, हस्तरेखा की स्थिति अपने आप सही हो जाएगी। असली खोट मनुष्य के मन में है, उसके हाथ में नहीं। -श्री चन्द्रप्रभ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org