Book Title: Dhyan Sadhna aur Siddhi
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 161
________________ श्री चन्द्रप्रभ की कहानियाँ : महोपाध्याय ललितप्रभ सागर महान् चिंतक श्री चन्द्रप्रभ के कहानीकार स्वरूप को दर्शाती एक भावभीनी पुस्तक जिसमें अतीत की घटनाओं को नव्य और भव्य शैली में प्रस्तुत किया गया है । एक ऐसी पुस्तक जो सम्पूर्ण देश में पढ़ी जा रही है। पृष्ठ 102, मूल्य 20/सत्य की ओर : महोपाध्याय ललितप्रभ सागर व्यक्ति अपने जीवन में किस सत्य की खोज करे और किस सत्य का अनुपालन, प्रस्तुत पुस्तक में इसी पहलु पर प्रकाश डाला गया है। पृष्ठ 100, मूल्य 15/प्रेरणा : महोपाध्याय ललितप्रभ सागर संसार में समाधि के फूल कैसे खिल सकते हैं, आध्यात्मिक संतों के जीवन से जुड़े सच्चे घटनाक्रमों के द्वारा उसी का सहज विन्यास । पृष्ठ 100, मूल्य 15/जीवन, जगत और अध्यात्म : महोपाध्याय ललितप्रभ सागर जीवन-जगत की समस्याओं के समाधानों को ढूढ़ने का प्रयास । सटीक प्रवचन, श्रेष्ठ पुस्तक । _पृष्ठ 180, मूल्य 30/ऐसी हो जीने की शैली : श्री चन्द्रप्रभ जीवन और धर्म-पथ को पुनर्परिभाषित करते हुए जीने की साफ-स्वच्छ राह दिखाती पुस्तक । घर-घर में पठनीय । पृष्ठ 160, मूल्य 30/भोमिया भावांजली : प्रकाशकुमार दफ्तरी अधिष्ठायक देव श्री भोमियाजी के लोकप्रिय भजनों का अनूठा संकलन । भक्तिप्रिय महानुभावों के लिए उपयोगी। पृष्ठ 64, मूल्य 7/संबोधि-ध्यान-मार्गदर्शिका : सुश्री विजयलक्ष्मी जैन संबोधि-ध्यान-शिविर की प्रायोगिक मार्गदर्शिका; ध्यानयोग-विधि की तकनीकी बारीकि को लिये हुए एक महत्त्वपूर्ण पुस्तक । पृष्ठ 56, मूल्य 7/अन्तर के पट खोल : श्री चन्द्रप्रभ ध्यान-साधकों को सत्य, शांति और आनंद की राह दिखाने वाली अभिनव पुस्तक। महर्षि पतंजलि के महत्त्वपूर्ण योगसूत्रों का भी उपयोग। पृष्ठ 96, मूल्य 15/ आँगन में आकाश : महोपाध्याय ललितप्रभ सागर तीस प्रवचनों का अनूठा आध्यात्मिक संकलन, जो आम आदमी को प्रबुद्ध करता है और जोड़ता है उसे अस्तित्व की सत्यता से । पृष्ठ 200, मूल्य 40/श्री अगरचन्द नाहटा : व्यक्तित्व एवं कृतित्व : डॉ. शारदा गोस्वामी प्राचीन साहित्य एवं इतिहास के मूर्धन्य विद्वान श्री अगरचन्द नाहटा के जीवन-वृत्त एवं कृतित्व पर लिखा गया शोध-प्रबंध । साथ ही श्री नाहटा के लिखे-छपे पाँच हजार से अधिक लेखों का सूची-पत्र । पृष्ठ 300, मूल्य 40/ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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