Book Title: Dhatu Sangraha Author(s): Publisher: View full book textPage 6
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir उत्सर्ग प्रकरण. संस्कृत शब्द बगडीने प्राकृत थया अने प्राकृत शब्द बगडीने गूर्जर शब्द थया तेनो प्रकार जाणवाने आ माकृत व्याकरण उपरथी उत्सर्ग प्रकरण रच्यं छे. कोई पण नियमने अनुसरीने शब्दविकार थाय छे, ए नियम आ प्रकरणमां छे. धातुसंग्रहमां आ उपयोगमा आवे छे. 1. संस्कृत शब्दमा रहेला ऐकारनो एकार प्राकृतमां थाय छे तेज कहि गुर्जर भाषामा पण रहे छे उ०--- सं० सैन्यं वैरं वैदिकः कैलासः एकैकं भैरवा प्रा० सेन्नं वरं वेदियो केलासो एकेकं भेरवो - એન વેર વિડિયો કેલાસ એકેક ભેરવ, 2. संस्कृत शब्दमा रहेला औकारनो प्राकृतमा ओकार थाय छे तेज गूर्जर भाषामा कहि रहे छे. उ० सं० यौवनं पौरुषं गौर औदीच्यः सौराष्ट्र: प्रा. जोबनं पोरुषं गोरुं ओदीचो सोरठो જોબન પોરસ ગેસ ઓદીચ સોરઠ 3. संस्कृत शब्दमा स्वरपासे असंयुक्त अने आदि विना बोजे ठामे क, ग, च, ज, त, द, प, य, व, एटला अक्षर आवे तो ते जाय छे अने तेने ठामे कहि य कारनो उच्चार थाय छे. सं० सूकरः सागरः मरिचं राजादनः कातरः प्रा० सूयरो सायरो मरियं रायाणो कायरो. T0 સયર સાયર મરિયું રાયણ કાયર. सं० सपादसप्त सिंहपुरं समयः देवरः. प्रा० सवासत्त सीहोरं समओ दियरो. गु० सपासात सीहोर समो 6i52. 4. उपर कहेला क कारनो कहि ग कार पण थाय छे. कर्करी = कर्गरी = करगर. काका कागो = काग.. For Private And Personal Use OnlyPage Navigation
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