Book Title: Dharmopadeshmala prakaranam
Author(s): Jaysinhsuri, Chandanbalashree
Publisher: Bhadrankar Prakashan
View full book text
________________
११७
४३
३०६
परिशिष्टम [५ धर्मोपदेशमालाविवरणगतविशेषनाम्नामकाराद्यनुक्रमः॥
[३२९ तसकाय [ दारअ] ११६, ११८ | दाहिणमहुरा [ नयरी ]
५७,८१ तारा [कत्तवीरियभज्जा] १८४ | दिट्ठिवाय [गंथ]
१४७ तिमिस [गुहा] २२३ | | दुज्जोहण | [ रायपुत्त ]
११० तिंदुग [ उज्जाण]
१९० | दोज्जोहण | तिविक्कम [भट्ट]
दुप्पसह [ सूरि]
३०७ तुडिंबग [ राया]
२८४ दुब्बलिय [साहु] १४७, तुरंग [ रयण] २२८ दुब्बलियपूसमित्त
१४८ तुरुमिणि [णयरी]
दुमुह | [राया ] १६५, १६६, तुंगिणी [ देस]
३०६ दुम्मुह
१६७ तेउक्काय [ दारअ] ११५ दूइय [ रयण]
२२७ तेयलि ।[मंति] ३०२, ३०३, दूरुल्लकुतिया [गाम]
२८८ तेयलिसुय ३०४ दूसगणि [ सूरि]
३०७ तेयलिपुर [नयर]
३०३ | देव [गणहरपिया] [थ]
देवई [वसुदेवभज्जा ] ११, २६, १७३ थूलभद्द [ मुणि]
३०७ | देवदत्ता [वेसा] १३८, १३९,१४०, [द]
१४१, १४२, १४३, १४४ दढप्पहारि[बंभण]
३२, ३३ | देववायग [ वायग]
३०७ दढमित्त [बालसुही] २८९, २९० देवसम्म [ दिय] दत्त [गणहरपिया]
देविलासुअ[राया ]
३०१ दत्त [दिअ]
४३, ४४
[ध] दद्दुर[ देव]
१७९ धण [इब्भ-सत्थवाह-विज्जसुअ] ५, ७, दधिवाहण [राया] १२२, १५९, १६३
८, ९, ४७, ४८, ४९, ५०, दमग [ नर]
२७८
५१,५३,५४, ५५, १११, २०९ दमग [ मुणि] १९६ धणदेव [गणहरपिया]
३०६ दमदंत [राया-साहु] १०४, ११०,१११ धणपाल [ सेट्टि]
१२३ दसण्णपुर [ नयर]
१५० धणमित्त [गणहरपिया] दसण्णभद्द [ राया]
१५०, १५१ धणमित्त [ वणियसुअ] २८९, २९० दसपुर [ नयर] १४६, १४७ धणयपुरी [ पुरी]
२८३ दसार[समुद्दविजयाइ] १६, १७, १९, १७३ धणवद्धण[नयर]
१०० दंड [ रयण]
२२७
धणवाह [सत्थवाह] २६३, २६४ दंतचक्क [राया ]
१६० धणसिी [ वणियसुअभज्जा]
२८९ दंतपुर[नयर] १६०, २८९ धन्नंती [ देव]
१८२ दंतवक्क [ राया] २८९ | धन्नं ती[विज्ज]
११२
९५
३०६
३०६
mala-p\2nd proof 329

Page Navigation
1 ... 383 384 385 386 387 388 389 390 391 392 393 394 395 396 397 398 399 400 401 402 403 404 405 406 407 408 409 410 411 412 413 414 415 416 417 418