Book Title: Dharm aur Darshan
Author(s): Devendramuni
Publisher: Sanmati Gyan Pith Agra

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Page 250
________________ परिशिष्ट 'धर्म और दर्शन' में प्रयुक्त ग्रन्थ (१) प्राचारांग (२) चर्पटपंजरिका (३) महाभारत (४) दशवकालिक (५) दशवकालिक -जिनदास चूणि (६) दशवैकालिक-हारिभद्रीयावृत्ति (७) दशवकालिक-अगस्यसिंह चूणि (८) वैशेषिक दर्शन (8) सर्वदर्शन संग्रह टीका-माधवाचार्य (१०) बहदारण्योपनिषद् (११) उत्तराध्ययन (१२) गीता (१३) बौद्ध दर्शन (१४) अंगुत्तर निकाय (१५) सूत्रकृताङ्ग (१६) स्थानाङ्ग (१७) आवश्यक नियुक्ति प्राचार्य भद्रबाहु (१८) विशेषावश्यक भाष्य-जिनभद्र (१९) सूत्रकृताङ्ग-शीला टीका (२०) भगवती (२१) योगदर्शन (२२) तैत्तिरीय उपनिषद् (२३) मनुस्मृति (२४) समवायाङ्ग (२५) कल्पसूत्र-भद्रबाहु Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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