Book Title: Dhammapada 04
Author(s): Osho Rajnish
Publisher: Rebel Publishing House Puna

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Page 10
________________ 31 स्थितप्रज्ञ, सत्पुरुष है.. 32 तू आप है अपनी रोशनाई.. 3 3 एकला चलो रे 3 4 प्यासे को पानी की पहचान.. 3 5 जीवन ही मार्ग है 3 3 6 अंतश्चक्षु खोल.. 3 7 उपशांत इंद्रियां और कुशल सारथी. 3 8 कुछ खुला आकाश.. 39 अश्रद्धा नहीं, आत्मश्रद्धा. 4 0 चरैवेति चरैवेति 4 1 शब्दः शून्य के पंछी. .2 .30 .58 ..84 108 136 .166 196 .222 .248 .274

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