Book Title: Devdravyadi Ka Sanchalan Kaise Ho Author(s): Kamalratnasuri Publisher: Adhyatmik Prakashan SamsthaPage 69
________________ प. पू. सिद्धांतमहोदधि स्व. आ. देव श्रीमद् विजय प्रेमसूरीश्वरजी म.सा. के पट्टधर रत्न व्याख्यान - वाचस्पति प. पू. आचार्यदेव श्रीमद् विजय रामचंद्रसूरीश्वरजी महाराजा का श्री जिनाज्ञा सार - गर्भित प्रवचन - राष्ट्रभाषा हिंदी में अवश्य पढो (जैन प्रवचन आजीवन शुल्क ५०१ (प्राप्तिस्थान) जैन प्रवचन प्रकाशन संस्थान ९६, धनजी स्ट्रीट, तृतीय तल, मुंबई - ४००००३Page Navigation
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