Book Title: Dashvaikalikam
Author(s): Kanchanvijay, Kshemankarsagar
Publisher: Devchand Lalbhai Pustakoddhar Fund
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सुमति
साधु श्रीदशवै० परि०१ ॥ २२८॥
११०
१८५
आद्यांशः सूत्रस्य पृष्ठाङ्कः
आद्यांशः
सूत्रस्य पृष्ठाक: आद्यांशः सूत्रस्य पृष्ठाखापरि०.१ गाथायाश्चाङ्कः गाथायाश्चाः
गाथायावाहः जया चयइ संयोगं
सूत्राद्य४९
| जाइ सद्धाइ निक्खंतो ४७| जस्सवमप्पा उ हविज्ज
३९५ १५५ ,, जीवमजीवे अ निच्छिओ ४९८ २०८ जाणंतु ता इमे समणा १९३
कारादि ,, जोगे निमित्ता ५५ ४७/जहा कुक्कुडपोअस्स ३८८ १५२ जाणि (ई)चत्तारि अभुजाई २५५ , धुणइ कम्मरयं , दुमस्स पुप्फेसु
जायतेयं न इच्छति २४१ , निविदए भोए
४७ , निसंते तवणचिमाली ४१२ १६२ / जावंति लोप पाणा २१८ , पुग्नं च पावं च
४७ , ससीकोमुइजोगजुत्तो ४१३ १६२ जिणवयणरए अतितिणे ४५८ , मुंडे भवित्ता गं ४७ ,ऽऽहिअग्गी जलणं
जुवं गवित्ति शंबूआ ३०२ ,, य चयई घमं
नमंसे ४०१ १६२ जे आवि मंदित्ति गुरुं विइत्ता ४०० ,, लोगमलोग च
७ज जाणेज चिराधोयं १३५ ७३ जे आयरियउवज्झायाणं ४२७ ,, सब्वत्तगं जाणं ५३ ४७ | जंपि बत्थं व पायं वा २२८ १०२ | जेण बन्धं वह घोरं ४२९ १६९ , संवरमुक्किट्ठ
५१ ४७ . .. २४७ १०८ जे न वंदे न से कुप्पे १८९ ९०
३७० १४६ | जं भवे भत्तपाणं तु १०३ , नियागं ममायंति २५७ जस्संतिए धम्मपयाई
जा अ सच्चा अवत्ता २७९ ११८ , माणिया सययं सिक्खे ४१० १६२ | जाइ। जरा) मरणाओ मुश्चई ४६० १८५
___ माणयंति ४५१ १७८ जस्सेरिसा जोग जिइंदिअस्स५१४ २१६ | जाइमंता इमे रुक्खा ३०८ १२६ । , य कंते पिए भोए ८ ५ ॥ २२०
१२४
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