Book Title: Dasharnabhadra Charitram
Author(s): Shravak Hiralal Hansraj
Publisher: Shravak Hiralal Hansraj
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________________ Scanned by CamScanner दशार्ण चरित्रम् // 10 // ARMENDU. NDRABODHD | पुनः पुनः प्रणुयेति / मुनिं नत्वा जिनाधिपं // संप्राप वासवः स्वर्गं / श्रद्धापूरितमानसः // 2 // ततः स दशार्णभद्रो राजर्षिस्तीत्रतपसा क्षिप्तसकलकर्मा लब्धकेवलज्ञानो मुक्तिं ययौ. संपदो जलतरंगविलोला। यौवनं त्रिचतुराणि दिनानि // शारदाभ्रमिव चञ्चलमायुः। किं धनैः कुरुत धर्ममनिंद्यं // 1 // स्वप्ने | यथायं पुरुषः प्रयाति / ददाति गृह्णाति करोति वक्ति // निद्राक्षये तच्च न किंचिदस्ति / सर्व तथेदं हि विचार्यमाणं // 2 // // इति श्रीदशार्णभद्रचरित्रं समाप्तम् // श्रीरस्तु //

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